मानव रोग
सनोज कुमार
स्नातकोत्तर शिक्षक
( पी.जी.टी. ) बायोटेक्नोलॉजी
केन्द्रीय ववद्यालय क्र.२ नेवीनगर, कुलाबा, मुुंबई- ४००००५
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मानव रोग
• अग्रेज़ी िब्द डिजीज ( DIS - EASE ) का
अर्थ है , अ – सुववधा, अर्ाथत स्वास््य में
बाधा अर्वा अस्वस्र् होना अर्वा रोग
से पीडित होना|
मानव रोगों का वगीकरण
मानव रोग
जन्मजात रोग अर्जित रोग
(Congenital diseases) (Acquired diseases) हीमोफिशलया, र्ेलेसीशमया
आदद अनुवाुंशिक बीमाररयााँ
संचरणीय रोग असंचरणीय रोग
(Communicable diseases) (Non communicable diseases) मधुमेह, कैंसर, एलजी, पोषक तत्वों
की कमी की वजह से होने वाले रोग
प्रत्यक्ष संचरणीय रोग अप्रत्यक्ष संचरणीय रोग (Direct transmission) (Indirect transmission)
चेचक, गोनोररया, क्षय रोग, हैजा, मलेररया, टाइिाइि, पोशलयो, िेंगू, िाइलेररया
काली खाुंसी, रेबीज़, टाइिस, अमीबी पेचचि इत्यादद|
इुंफ्लुएुंजा इत्यादद|
जन्मजात रोग
(Congenital diseases)
• रोगों को, जो नवजात शििु में जन्द्म के समय से ही ववद्यमान होते हैं। जन्द्म जात रोग कहते हैं अनुवाुंशिक ववकार (Genetic disorder), हामोन का असुंतुलन, िरीर की प्रततरक्षा प्रणाली
(Immune system) का सही तरीके से काम नहीुं करना, कुछ ऐसे कारक हैं जो मनुष्य के स्वास््य को प्रभाववत करते हैं|
• र्ेलेसीशमया, हीमोफिशलया, शसकल सेल रक्ताल्पता आदद|
अर्जित रोग
(Acquired diseases)
• रोग या ववकार, जो जन्द्मजात नहीुं होते लेफकन ववशभन्द्न कारणों
और कारकों की वजह से हो जाते हैं , अर्जथत रोग कहलाते हैं|
हमारे आसपास हजारों ऐसे रोगाणु (pathogen) ववद्यमान हैं
जो हमारे िरीर की प्रततरोधक क्षमता (Immunity) के कमजोर होते ही उस पर आक्रमण कर रोग उत्पन्द्न कर देते हैं| ऐसे
रोगाणु भोजन, पानी, वायु और त्वचा के माध्यम से मानव
िरीर में प्रवेि कर जाते हैं और िरीर के ववशभन्द्न कोशिकाओुं,
ऊतकों, अुंगों को प्रभाववत करते हैं
अर्जित रोगों के प्रकार
• संक्रामक रोग (Communicable diseases)-ये
रोग कई प्रकार के रोगजनक वायरस, बैक्टीररया, प्रोटोजोआ, कवक और कीिों की वजह से होते हैं।
ये रोगजनक आमतौर पर रोगवाहकों की मदद से
एक जगह से दूसरे जगह िैलते हैं।
• असंचरणीय रोग (Non-communicable
diseases)-- ये रोग मनुष्य के िरीर में कुछ
अुंगों या अुंग प्रणाली के सही तरीके से काम नहीुं
करने की वजह से होते हैं। इनमे से कई रोग
पोषक तत्वों, खतनजों या ववटाशमनों की कमी से भी
होते हैं, जैसे - कैंसर, एलजी इत्यादद |
संक्रामक रोगों के प्रकार
• प्रत्यक्ष संचरणीय रोग (Direct transmitted
diseases)- सूक्ष्मजीवीय जतनत कुछ रोग सीधे सुंपकथ अर्वा श्वास द्वारा सुंक्रशमत व्यर्क्त से स्वस्र् व्यर्क्त तक िैलते हैं, जैसे क्षय रोग (टी.बी.), चेचक, काली
खाुंसी (whooping cough), इन्द्फ्लूएुंजा आदद|
• अप्रत्यक्ष संचरणीय रोग (Indirect transmitted
diseases)- कुछ सूक्ष्मजीवीय जतनत रोग वाहको
(वेक्टर) के द्वारा रोगी से स्वस्र् मनुष्य में िैलते हैं , जैसे मलेररया, हैजा, पोशलयो, िेंगू, काला अजार,
अफ्रीकन तनरा रोग इत्यादद |
ववषाणुओुं ( Viruses) से होने वाले रोग
रोग रोगाणु संचरण के तरीके
चचकन पॉक्स वैरीसेला वायरस वायु /सीधे सुंपकथ द्वारा
स्माल पॉक्स वायरोला मेजर और
वायरोला माइनर वायु /सीधे सुंपकथ द्वारा
खसरा (मीजल्स ) रुबोला वायरस वायु
पोशलयो पोशलयो वायरस दूवषत भोजन एवुं जल
रेबीज रेबीज वायरस रेबीज सुंक्रशमत कुत्ते के काटने पर हैपेटाइटटस हैपेटाइदटस बी वायरस दूवषत जल
डेंगू िेंगू वायरस एिीज एज्प्टी मच्छर के काटने पर एड्स एच. आई. वी. दूवषत रक्ताधान एवुं असुरक्षक्षत यौन
सुंबुंध
जीवाणुओुं ( Bacteria) से होने वाले रोग
रोग रोगाणु संचरण के तरीके
ट्यूबरक्लोशसस (टी.बी.) माइकोबैर्क्टररयम
ट्यूबरक्लोशसस वायु /सीधे सुंपकथ द्वारा
टाइफाइड साल्मोनेला टाइिी दूवषत भोजन एवुं जल
हैजा (कॉलरा) ववब्रिओ कॉलरी दूवषत भोजन एवुं जल डडफ्थीररया कोनी बैक्टीररयम डिपर्ीरी वायु /सीधे सुंपकथ द्वारा
लेप्रोसी (कुष्ठ रोग) माइकोबैर्क्टररयम लेप्राई सुंक्रशमत व्यर्क्त के सुंपकथ द्वारा
काली खासी (वूफफंग कफ) बोडिथटेला पटूथशसस वायु /सीधे सुंपकथ द्वारा
प्रोटोजुआ (Protozoan) से होने वाले रोग
रोग रोगाणु संचरण के तरीके
मलेररया ज्वर ्लास्मोडियम एनोफ़िलीज़ मादा मच्छर अमीबबक डडसेन्री एन्द्ट अमीबा
दहस्टोशलदटका दूवषत भोजन एवुं जल शलश्मननअशसस (काला
अजार)
शलिमातनया सैंि फ्लाई के काटने पर
टरपैनोसोशमयाशसस (अफ्रीकन स्लीपपंग शसकनेस)
दिपैनोसोमा िुसी सी-सी फ्लाई के काटने
पर
कृशमयों (Helminths) द्वारा जतनत रोग
रोग रोगाणु संचरण के तरीके
फाइलेररया (हाथी
पांव) वाउचेररया बैन्द्क्रोफ्टाई एिीज और क्यूलेक्स मच्छर
एस्केररअशसस एस्केररस लम्ब्िीकोइड्स दूवषत भोजन एवुं जल इकाईनोकोकस इकाईनोकोकस ग्रेनुलोसस दूवषत भोजन एवुं जल
यौन संचाररत रोग (Sexually Transmitted Diseases)
•
एड्स नामक बीमारी का कारण एच.आई.वी. ववषाणु है जो फक िरीर की
प्रततरक्षा प्रणाली पर आक्रमण कर कमजोर कर देता है र्जससे मनुष्य में
अन्द्य रोगों से लिने की क्षमता कम हो जाती है और वह अन्द्य रोगों से
ग्रशसत हो जाता है|
•
शसफशलस एक यौन सुंक्रशमत बीमारी है जो बैक्टीररया िेपोनेमा पैशलिम द्वारा
िैलता है| गभाथवस्र्ा या जन्द्म के समय यह रोग मााँ से बच्चे अर्वा गभथ में
पल रहे बच्चे में भी सुंक्रशमत हो सकता है|
•
गोनोररया ( सुजाक)- यह रोग नीसेररया गानोररआ नामक जीवाणु के कारण
होता है|
असुंचरणीय रोग (Non-communicable diseases)
रोग कारण/लक्षण
मधुमेह (Diabetes)
अग्नन्द्यािय से इन्द्सुशलन हामोन का स्राव कम हो जाता है
र्जसके कारण रक्त में ग्नलूकोस की मात्र बढ़ जाती है|
ऑर्स्टयोपोरो
शसस ऑर्स्टयोपोरोशसस में अर्स्र् खतनज घनत्व (BMD) कम हो
जाता है, अर्स्र् सूक्ष्म-सुंरचना ववघदटत होती है और हड्डियााँ
कमजोर हो जाती हैं|
कैंसर यह रोग कोशिकाओुं के अतनयुंब्रत्रत ववकास और ववभाजन के
कारण होता है| िरीर के फकसी खास दहस्से में असामान्द्य और लगातार कोशिका ववभाजन होने से ट्यूमर का तनमाथण हो जाता है|
कंठमाला
(Goitre)
आयोिीन की कमी से होने वाला रोग है र्जसमे र्ाइराइि
ग्रुंचर् का आकार बढ़ जाता है| र्ाइराइि हामोन का स्राव कम हो जाता है|
एलजी िरीर की प्रततरक्षा प्रणाली द्वारा बाह्य कारको के प्रतत
अस्वाभाववक प्रततफक्रया को एलजी कहते है| बाह्य कारक जैसे
धूलकण, परागकण आदद
मानव िरीर की प्रनतरक्षा प्रणाली
(Human Immune System)
• सहज प्रततरक्षा प्रणाली (innate immune system)-
िैगोसाईदटक कोशिकाएुं , िेनड्राईदटक कोशिका, नेचुरल फकलर कोशिका
आदद िरीर में प्रववष्ट होने वाले रोगाणुओुं को ख़त्म करने का प्रयास करती हैं|
• अनुकूली प्रततरक्षा प्रणाली (Adoptive immune system)- जब रोगाणु सहज प्रततरक्षा प्रणाली को चकमा देकर िरीर के अन्द्दर प्रववष्ट हो जाते हैं तब इस प्रणाली की घटक कोशिकाएुं सफक्रय हो
जाती हैं| बी शलम्ब्िोसाइट कोशिका सफक्रय होकर प्रततजन के
ववरूद्ध एुंटीबािी का स्राव करती है और यह रोगाणु को नष्ट करती
है जबफक टी शलम्ब्िोसाइट कोशिका ववषाणुओुं के द्वारा सुंक्रशमत
कोशिकाओुं को नष्ट करती है|
टीकाकरण ( Vaccination)
• सवथप्रर्म अुंग्रेज़ चचफकत्सक एिविथ जेनर ने १७९८ ईस्वी में
चेचक के ववरुद्ध टीका (वैक्सीन) तैयार करने में सिलता प्रा्त की र्ी| रोगाणु को मारकर, अर्वा उसके फकसी भाग अर्वा
उसकेद्वारा उत्पन्द्न पदार्थ, को िरीर में प्रववष्ट करा कर
प्रततरक्षा प्रणाली को उस रोगाणु के ववरुद्ध सफक्रय फकया जाता
है| इसी प्रफक्रया को टीकाकरण कहते है