International Journal of Humanities and Social Science Research ISSN: 2455-2070; Impact Factor: RJIF 5.22
Received: 03-01-2020; Accepted: 04-02-2020; Published: 02-03-2020 www.socialsciencejournal.in
Volume 6; Issue 2; 2020; Page No. 12-16
पर्यावरण संकट और ववश्व
अरविन्दकुमयर
Research Associate, Political Science, DAV College, Abohar, Punjab, India
सयरयंश
आज के समय में पययावरण कय संकट गहरयतय जय रहय है और इसके सयथ सयथ ही पययावरण की जो मुश्ककलें है, वह भी कयफी हद्द तक गंभीर होती जय रही है | अब यह श्कसी एक की
समस्यय नय रहे कर पुरे श्वश्व की समस्यय बन चुकी है | श्वश्व के प्रभुत्व- संम्पन देश अपनी भूगोश्लक जरूरतों को नजर अंदयज़ करके, अपनी आश्थाक जरूरतों को पूरय करने में लगे है, इसके
कयरण ही हमे पययावरण संकट कय सयमनय करनय पड़ रहय है और यह कम होने की बऻजयये श्दन- ब- श्दन बढ़तय ही जय रहय है | श्कसी देश में तो पययावरण अपयत्कयल तक की नौबत आ चुकी
है | देश कय शयसन चलयने वयली सरकयरें इस समस्यय से श्नज़यत पयने के श्लए कुछ प्रयत्न कर रही है, पर वह इसके श्लए नयक़यफी सयश्बत हो रहे है | क्योंश्क आज कल हर देश आश्थाक उन्नेश्ि करने में अव्वल नंबर पर रहनय रहनय चयहतय है, पूरय श्वश्व इस अंधी दौड़ में शयश्मल हो चूकय है | इस लयलच में उनको पययावरण कय नुकसयन नज़र नहीं आ रहय | अपनी आश्थाक लयलसयओं को पूरय करने के श्लए इनकय मयननय है की देश की उन्नश्त के श्लए थोड़य बहुत पययावरण नुकसयन सहन करनय ही पड़तय है | पर क्यय हम अपने वतामयन को स्वयरने के चक्र में
अपने भश्वष्यें कय अपने ही हयथों गलय घोट रहे है | मूल शब्द% पर्यावरण, संकट, मुश्ककलें, श्वश्व
प्रस्तावना
पययावरण और व्यश्ि के श्क्रयय कलयपो में गहरय संबंध है | मनुष्य को भी
पययावरण के सयथ सतुंलन बनयकर चलनय पड़तय है | और मयनव ने यह सतुंलन सश्दयों तक बनयकर भी रखय | श्जस के कयरण प्रकृश्त और मयनव दोनों एक दूसरे को नुकसयन पहुचयये श्बनय अपनय श्वकयस कर रहे थे, पर श्पछले कुछ वर्षो
में इस सतुंलन में बहुत बदलयव आयय है | अब मयनव अपनय अत्यश्धक और तेज़ी के सयथ श्वकयस करने के श्लए प्रकृश्त कय दोहन कर रहय है | श्जस कयरण पययावरण की दशय श्बगड़ रही है | मयनव के अश्त लयलच के कयरण आज पययावरण कय संकट बढ़तय ही जय रहय है और इस से ज्ययदय श्चंतय कय श्वर्षय मयनव की अनदेखी है | वह पययावरण के सयथ श्खलवयड़ करके लगयतयर आश्थाक उन्नश्त करने में लगय हुआ है | पर इंसयन यह भूल रहय है श्क पययावरण के सयथ सतुंलन बनययें श्बनय हम अपनय स्थययी रूप से श्वकयस नहीं कर सकते
और नय ही अपने अश्स्तत्व को बचय कर रख सकते है |क्योंश्क इंसयन और पययावरण दोनों एक-दूसरे के श्लए बहुत ज्ययदय जरूरी है |
असंतुलन श्कसी भी परश्स्थश्तं को भययनक रूप दे सकती है | इसके नतीजे
हमयरे श्लए गंभीर सयश्बत हो सकते है | पययावरण से स ॑बंश्धत मनुष्य की ज़रूरतों
को देखते हुए महयत्मय गयाँधी जी ने कहय थय की, ' पययावरण में वो सब कुछ मौजूद है, जो मनुष्य की हर प्रकयर की ज़रूरतों को पूरय कर सकते है, पर यह इसके लयलच को पूरय करने में सक्षम नहीं है |" गयंधी जी की यह बयत आज के समय के अनुसयर सही बैंठती है |
आज हर देश अपनी आश्थाक उन्नश्त करनय चयहतय है | इसके श्लए वो कोई भी
कीमत चुकयने के श्लए तैययर है | श्वश्व में अव्वल रहने यय बनने के श्लए वह सब कुछ दयंव पर लगय रहय है | इस कयरण आश्थाक उन्नश्त और पययावरण के
सतुंलन में फयसलय बहुत बढ़ गयय है |मयनव की पययावरण को नुकसयन पहुंचने
वयली प्रंवृश्त हमेशय से ही रही है | जब से मयनव सभ्यतय कय जन्म हुआ है, उसने 85 फीसदी जंगली जीव जन्तुओ और पेड़ पोंधों को खत्म कर श्दयय है | श्जसके कयरण कुछ प्रंजयश्तययं लुप्त हो गयी है और कुछ अपनय अश्स्तत्व बचयने
के श्लए लगयतयर संघर्षा कर रही है | मयनव के द्वयरय कल तक श्कये गए कययो
कय आज के समय में यय आने वयले कल में नुकसयन उठयनय पड़ेगय और तब हम चयंहकर भी इस होने वयली त्रयसदी को नहीं रोक सकेंगे | आज उसकी
आाँखों पर लयलच कय पदया पड़य हुआ है, तो उसे होने वयलय नुकसयन श्दखयई नहीं दे रहय है | पर अब शययद वह श्दन दूर नहीं है जब पूरी मयनव सभ्यतय को
इसके गंभीर पररणयम भुगतने पंड़ेगे |
पर अब कही नय कही कई मुल्कों में लोगो को जो उन्होंने पययावरण कय नुकसयन श्कयय उसकय एहसयस होने लगय है, क्योंश्क अब उन्हें अपनय भश्वष्य अंधकयर में नज़र आ रहय है | इसी कयरण कई पययावरण सश्क्रयवयदी सरकयरों के
पययावरण संबंधी नीश्तयों के श्खलयफ आवयज़ उठय रहे है और उनकी पययावरण शोर्षण की नीश्त को बदलने कय प्रययस श्कयय जय रहय है | आप अगर प्रकृश्त को नष्ट कर अपने आश्थाक एजेंडे को पूरय कर रहे हो और श्जसके कयरण पययावरण को लगयतयर नष्ट श्कयय जय रहय है तो यह उसी प्रकयर है जैसे कोई आप को एक समय ज्ययदय पैसे देकर उसके बयद आप कय गलय ही कयट दे | श्जस कयरण आप के सयथ-सयथ आप की आने वयली पुकतो यय प्रजयश्त को भी
मयर श्दयय जयए | इस श्लए आज आप चयहय कर भी पययावरण संकट को
अनदेखयं नहीं कर सकते |
लगयतयर हो रहे जलवययु पररवतान के कयरण यह संकट बढ़तय ही जय रहय है | स्वीडन की रहने वयली १६ वर्षा की लड़की ग्रेटयं थनिर्ा लगयतयर इस समस्यय के श्खलयफ लड़ रही है | ग्रेटयं ने स्वीडन और संयुि रयष्र में भयर्षण देकर श्वश्व की सभी महयशश्ियो को अवगत करययय है और संभलने की चेतयवनी भी दी है
| की आप यु हमयरे जैसे बच्चों कय भश्वष्य खतरे में नहीं डयल सकते | सयथ ही
सयथ पययावरण को लगयतयर हो रहे नुकसयन की तरफ ध्ययन नय देने के कयरण उसने अपनय गुस्सय भी प्रंगट श्कयय थय तयश्क श्वश्व के सबसे आश्मर और आश्थाक संम्पन देश अपनी उन्नश्त के सयथ पययावरण संरक्षण की तरफ भी ध्ययन दे |
यह पययावरण के सयथ श्खलवयड़ करने कय ही नतीजय थय की दश्क्षणी
ऑस्रेश्लयय में 5 हज़यर ऊंटों को गोली मयर दी गयी | यह घटनय सुनने में भी
क्रूर और अमयनवीय व्व्यहयर लगतय है | दश्क्षणी ऑस्रेश्लयय में पयनी की भयरी
कमी कय सयमनय करनय पड़ रहय है | यह इलयकय पूरी तरह से सूखे से प्रभयश्वत है | यहयं कुल 10 हज़यर ऊंटों को गोली मयरने कय आदेश श्दयय गयय है | पर सूखे की वजह से इन बेजुबयनो को श्बनय गलती के मयर देनय कहय तक उश्चत है
| यह क्रूर घटनय हमे सोचने पर मजबूर कर देती है की हम पययावरण को श्कस श्दशय की तरफ लेकर जय रहे है | श्जस ग्लोबल वयश्माग कय हम सयमनय कर रहे
है, वह पययावरण को नुकसयन पहुचयनें कय ही नतीजय है | यहयं लोगो ने सरकयर से यह श्शकययत की यह ऊंट पयनी की तलयश में उनके घर में घुस जयते है | पर इन श्नदोश जयनवरों ने कभी श्शकययत नहीं की इंसयनी दख़ल से हमें नुकसयन हो
रहय है, हमयरे आवयस नष्ट हो रहे है | आज हमयरे कयरण ही इन 10 हज़यर ऊंटों
को जयन गवयनी पड़ी | कुछ अश्ि बुश्िजीवी श्वज्ञयनकों कय दयवय थय श्क इन ऊंटों की वजह से ही एक वर्षा में एक टन कयबान डयइऑक्सयइड के बरयबर मीथेन कय उत्सृजन करते है | पर जो जहरीली गैंसे इंसयन के गयश्ड़यों कय प्रयोग करने, सुश्वधय जनक चीजों से पैदय होती है, उसकय कोई भी डयटय जयरी नहीं
श्कयय गयय | क्योंश्क हमने अपनी कयरो को चलयने के श्लए इनकी सयंसें रोक दी
| इंसयन ऐशो-आरयम की श्ज़ंदगी जीने के श्लए, उसके रस्ते में आने वयली हर चीज़ को वो खत्म करनय चयहतय है |
एक तरफ दश्क्षणी ऑस्रेश्लयय सूखे की मयर झेल रहय है तो दूसरी तरफ बुशफययर (जंगल की आग ) के कयरण पययावरण पर गहरय संकट छययय हुआ है
| ऑस्रेश्लयय में तयपमयन की बढ़ोतरी लगयतयर दज़ा की जय रही है | श्जस कयरण यह आग लगयतयर फैलती जय रही है | अब तक यह आग 12.35
श्मश्लयन एकड़ जंगल को अपनी चपेट में ले चूकी है | श्पछले पयंच महीने में
इस आग में झूलसने से 50 करोड़ जयनवरों की मौत हो चुकी है | श्जसमें
स्तनधयरी पशु, पक्षी और रेंगने वयले जींव सभी शयश्मल है | यह संख्यय लगयतयर बढ़ती ही जय रही है | इस आग में श्सफा 35 लोगों की मौत हुई है | क्योंश्क इंसयन ने तो सुरश्क्षत स्थयन पर पहुंच कर अपनी जयन बचयली पर यह बेजुबयन ऐसय करने में नयकयम रहे | बहुत से जयनवरों की संख्यय पहले से आधी
रह गयी है | वो अब रयख़ के ढेर में तब्दील हो चुके है | इस आग कय असर श्सफा ऑस्रेश्लयय में ही नहीं बश्ल्क न्यूज़ीलैंड में भी देखने को श्मलय है | यहयं
से उठे धुएं के कयरण यहयं एक नयरंगी रंग की परत पुरे आसमयन में जमी हुयी
श्दखयई दी | इस धुंए ने दश्क्षणी द्वीप के सफेद श्हमनद को भूरे रंग में रंग श्दयय | श्सफा अब ही नहीं आने वयले समय में इस आग के और भी गंभीर नतीजे देखने
को श्मल सकते है | स्वयस््य से संबंश्धत श्दितों कय सयमनय करनय पड़ सकतय है |
जंगल में आग की घटनयएं श्सफा ऑस्रेश्लयय तक श्सश्मत नहीं है, यह दुश्नयय के
फेफड़े कहलयये जयने वयले अमेज़न ब्रयज़ील के जंगलो तक पहुंच गई है | ब्रयज़ील के जंगलों की यह आग एक वर्षा में अब तक 80 हज़यर से अश्धक घटनयएं सयमने आई है | इस वर्षा आग श्क घटनयओं में 85 फीसदी की बढ़ोतरी
दजा हुई है | जो पहले से कई गुणय ज्ययदय है | ब्रयज़ील में अमेज़न के ६० फीसदी जंगल पयए जयते है | ब्रयज़ील के बहुत से रयज्य आग की चपेट में आऐ हुए है | पुरे श्वश्व के पययावरण में संतुलन बनयकर रखने वयले अमेज़न खुद अपने
अश्स्तत्व के श्लए लड़ रहे है | अमेज़न की आग से श्सफा ब्रयज़ील ही नहीं पुरे
श्वश्व के लोग प्रभयश्वत होंगे | इसकय असर हमयरे पययावरण पर भी पड़ेगय | यह जलवययु पररवतान के श्लए भी श्ज़म्मेवयर होगय | पुरे श्वश्व में अमेज़न ग्लोबल वयश्माग को रोकने के श्लए खयस महत्व रखते है | अगर अमेज़न जैसे जंगल खत्म होते है तो ग्लोबल वयश्माग की रफ्तयर तेज़ी के सयथ बढ़ेगी | श्जसे बयद में
रोक पयनय मुश्ककल होगय | समुद्र कय तयपमयन तेज़ी से बढ़ेगय और श्जस कयरण चक्रंवयती तूफयनों के आने कय ख़तरय बढ़ जययेगय | अमेज़न के जंगलों की आग को सरकयर के द्वयरय ज्ययदय गंभीरतय से नय लेते हुए देख सश्क्रयतयवयदी और प्रकृश्त प्रेमी सड़को पर उतर कर श्वरोध जतययय | इस आग पर जल्दी से जल्दी
कयबू पयने श्क मयंग उठने लगी | अब प्रश्न यह उठतय है श्क ज्ययदय समय तक पयनी से तर रहने वयले जंगलों में आग कैसे लगी ? अगर हम कहते है श्क इस आग के पीछे कोई कूदरती कयरण रहय होगय, तो हमयरय सोचनय श्बलकुल गलत है | ब्रयज़ील की एक संस्थय अमेज़न वॉच के प्रोग्रयम में यह बतययय गयय श्क यहयं के लोग खेती व पशूपयलन के श्लए लगयतयर ज़मीन सयफ कर रहे है | यहयं
अक्सर ज़मीन सयफ करने के श्लए आग कय प्रयोग श्कयय जयतय है | यही आग कभी-कभी जन जंगलों में फैल कर भययनक रूप धयरण कर लेती है | तो इस त्रयसदी कय कयरण भी 100 फीसदी मनुष्य ही है | मनुष्य ही पययावरण के ख़यत्मे
और वन्य जीवों की मौत कय श्ज़म्मेवयर है | हम खुद जयकर अमेज़न के जंगलों
में जयकर आग तो नहीं बूझय सकते पर लोगों को इसके बयरे में जयगरूक कर पययावरण को नष्ट होने से बचय सकते है | ज्ययदय से ज्ययदय पेड़ लगयकर एक छोटी-सी पहल श्क जय सकती है |
आज के समय में जो सक्रंमण बीमयररययं फैल रह रही है, वो कहीं नय कहीं
हमयरे द्वयरय पययावरण श्क उलटी श्दशय में चलने के कयरण हो रहय है | आये रोज़ एक नई बीमयरी हमयरे दरवयज़े पर दस्तक दे देती है | जैसे स्वयईन फ्लू, ईबोलय वययरस, सॉसा और कोरोनय वययरस उसकय ही नतीजय है | चीन से पैदय हुए कोरोनय वययरस ने पूरी दुश्नयय में दहस्त कय मयहौल पैदय कर श्दयय है | अभी
तक 22 देशों में इस वययरस श्क पुश्ष्ट हो चुकी है | श्जसमें थयईलैंड, जयपयन, श्संगयपूर, दश्क्षण कोररयय, ऑस्रेश्लयय, मलेश्शयय, अमेररकय, फ्यंस, जमानी और अरब अमीरयत जैसे देश शयश्मल है | इन देशों की श्रेणी में भयरत कय नयम भी
शयश्मल हो चूकय है | केरल और देश के बयश्क कुछ श्हस्सों में वययरस के
लछ्ण देखने को श्मले है | अभी तक पुरे श्वश्व में 12 हज़यर से अश्धक मयमले
सयमने आ चुके है | श्वश्व स्वयस््य संगठन के अनुसयर कुछ श्दनों में यह वययरस पुरे श्वश्व को अपनी चपेट में ले सकतय है, श्जन देशों में अभी यह फैलय नहीं, उनके श्लए अभी ख़तरय टलय नहीं है | चीन में अब तक मरने वयलों की संख्यय
900 से पर पहुंच चुकी है | यह वययरस चीन के वुहयन से पैदय हुआ थय | इस वययरस से संक्रश्मत होने वयले व्यश्ि को ज़ुखयम और सयाँस लेने में भी श्दक्ि
आती है | अभी तक कोई भी देश इसकय इलयज़ नहीं खोज़ पययय है | यह वययरस प्रकृश्त के श्वपरीत कयया करने कय नजीतय है | क्योंश्क चीन में जयनवरों
कय गैंर-क़यनूनी व्ययपयर तेज़ी से बढ़ रहय है | इन सभी जीवों कय प्रयोग खयने के
श्लए श्कयय जयतय है | यह वययरस वुहयन में समुंद्री जीवों के बयज़यर से श्नकलय है | यहयं सपा, रैकून जैसे जीवों कय अवैध व्ययपर धड़ेले से श्कयय जय रहय है | चीन दुश्नयय में जयनवरों कय सबसे बड़य उपभोग्तय है | श्वश्व स्वयस््य संगठन की
ररपोटा के अनुसयर यह चंमगयदड़ से भी फैलय हुआ हो सकतय है, पर अभी
इसके पुख़्तय प्रमयण नहीं श्मले है | चीन में चमगयदड़ कय सूप अक्सर प्रयोग में
श्लयय जयतय है | पर अभी इसकी पुश्ष्ट होनय बयक़ी है श्क असल में यह श्कस से
फैलय है और इन्सयनों में कैसे फैलय | चीन में बयघ के अंडकोर्ष, चमगयदड़ कय सूप, भुनय हुआ कोबरय, भयलू के पंजे, चूहे, श्बश्ल्लययं, कुिे व कई दुलाभ श्चश्ड़यों कय प्रयोग खयने के श्लए श्कयय जयतय है | यह सब पययावरण के श्वपरीत कयया नहीं तो और क्यय है ? इंसयन कय शरीर शयकयहयरी खयनय खयने से भी ठीक रह सकतय है, पर यह अपनी जीभ के सवयद के श्लए इन श्नदोश जयनवरों को
मयर रहय है | चीन के लोगों श्क इस करतूत से पुरे श्वश्व के लोगों को संकट में
डयल श्दयय है | अभी भी लोग इस घटनय से कुछ सीख लेते हुए प्रकृश्त के
अनुकूल भोजन कय प्रयोग करनय चयश्हए | श्जयो और जीने दो के श्सियंत के
अनुसयर जयनवरों को भी जीने कय हक़ है, उन्हें इनके क़ुदरती आवयस में जीने
दो | वह जंगल में ही अच्छे लगते है, नय की खयने वयले मेज़ पर |अगर हमें
पययावरण को सुरश्क्षत रखनय है तो पययावरण को लेकर हमें अपनी सोच बदलनी
ही पड़ेगी |
पूरे श्वश्व में लगयतयर हवय कय गुण स्तर श्गर रहय है | हवय को दूश्र्षत करने के
मयमले में अमेररकय, चीन, और जयपयन जैसे देश सबसे आगे है | पर जब पययावरण को संरश्क्षत करने की बयत आती है तो यह सब सबसे से पीछे होते
है| भयरत भी हवय को दूश्र्षत करने के मयमले में ज्ययदय पीछे नहीं है | श्वश्भन्तयं
में एकतय के श्लए जयनने जयने वयलय भयरत अब सब से प्रंदुश्र्षत देशों में सब से
अव्वल आतय है | भयरत में पययावरण से संबंश्धत ख़तरय लगयतयर बढ़तय ही जय रहय है | श्दल्ली श्वश्व में सबसे प्रदूश्र्षत शहरों की श्रेणी में आतय है, इसके
इलयवय चेन्नई, कंलकतय और मुंबई जैसे महयनगरों में यह समस्यय बढ़ती ही जय रही है | लोगो को यहयाँ सयाँस लेने में श्दक्िों कय सयमनय करनय पड़ रहय है | सयाँस से संबंश्धत बीमयररयों में लगयतयर बढ़ोतरी हो रही है | भयरत सरकयर लगयतयर कुछ कयनूनों और प्रयवधयनों से पययावरण को संरश्क्षत करने की कोश्शश कर रही है | पययावरण की समस्यय से संबंश्धत संसद में प्रस्तयव लयऐ गए है, की
श्कस प्रकयर भयरत में बढ़ते हुए प्रंदुर्षण को श्नयंश्त्रत करके कम श्कयय जय सकतय है | इन बड़े शहरों में रेश्फंक हद से ज्ययदय बढ़ गयय है, इस वजह से
क्लोरोफ्लोरो कयबान की मयत्रय हवय में बढ़ गयी है और हवय सयाँस लेने के
लययक नहीं रही है |
श्दल्ली-एनसीआर में श्पछले कुछ वर्षो से यह समस्यय कयफी प्रबल श्दखयई दे
रही है | यहयं श्सतम्बर और श्दसंबर में धुाँआं व स्मोग कयफी बढ़ जयतय है | सयंस से संबंश्धत बीमयररयों वयले लोगो को बहुत श्दिंतों कय सयमनय करनय पड़तय है | दृकयतय कय प्रश्तंसत भी कयफी कम हो जयतय है | गयड़ी चलने में
कयफी मुश्स्कलो कय सयमनय करनय पड़तय है | श्दल्ली में होने वयले इस प्रदूर्षण के श्लए अक्सर इन तीन रयज्यों को श्जम्मेदयर ठहरयय जयतय है - पंजयब, हररययणय और उिर प्रदेश | यह तीन रयज्ये श्दल्ली की सीमय के श्बलकुल पयस पड़ते है और यह धयन यय चयवल की खेती की जयती है | धयन की फसल लेने
के बयद बची हुयी परयलीं को यह श्कसयन खेत में ही जलय देते है | इस कयरण यहयाँ से पैदय होने वयलय धुाँआं श्दल्ली की आबो- हवय में शयश्मल हो जयतय है | और यह समस्यय दो-तीन महीनों बनी रहती है | यह समस्यय कोई एक यय दो
सयल की नहीं है, हर वर्षा ऐसय ही होतय है और सरकयरें भी हर वर्षा इसे रोकने में
नयकयम रहती है | इस धुाँऐ के कयरण श्दल्ली के सयथ-सयथ उन तीन रयज्यों के
लोगो को भी समस्यय कय सयमनय करनय पड़तय है | चयरों तरफ धुाँआं ही धुाँआं
नज़र आतय है | इन रयज्यों की सरकयर श्कसयनों को परयली जलयने से रोकने के
श्लए उन्हें जयगरूक करती है, परयली जलयने से होने वयले नुकसयनों से लोगो को
अवगत करययय जयतय है | खेत की श्मट्टी के पोंशक तत्व जलयने से नष्ट हो जयते
है | इसके इलयंवय सरकयर श्कसयनों को परयली खेत के अंदर ही दबयने वयले
श्कसयनी औंजयरों को सश्ब्सडी देती है | पर यह औंजयर छोटे श्कसयनों की पहुंच से बहुत दूर होते है | वह सश्ब्सडी देने के बयद भी उन्हें नहीं खरीद सकते | श्फर वहीं श्दिंत श्कसयनों के सयमने आ जयती है की वह इस परयली कय श्नपटयरय कैसे करें ? अगर यह श्कसयन रेक्टर कय प्रयोग करके परयली को दबयने कय प्रययस करते है तो डीज़ल कय खचा ज्ययदय बढ़ जयतय है, श्जसे एक दो एकड़
वयलय श्कसयन सहन नहीं कर सकतय, इस बोझ से बचने के श्लए श्कसयन नयड़ को आग लगय देतय है |
पंजयब सरकयर परयली नय जलयने वयले श्कसयनों के श्लए मुंहयवजे की रयश्श प्रदयन करने की स्कीम भी लेकर आयी, पर यह रयश्श श्कसयनों को परयली जलयने से
रोकने के श्लए कयफी नहीं थी | पर कुछ श्कसयनों ने जयगरूक होकर परयली
जलयनय बंद भी श्कयय है, पर यह संख्यय परयली जलयने वयलो से कयफी कम है | पंजयब की सरकयर स्टेंलयइट के जररऐं परयली जलयने वयले श्कसयनों कय चयलयन कर रही है | और जुरमयनय वसूल कर रही है | पर सरकयरों की ऐसी बेअसर कोश्शशें लगयतयर नयकयम हो रही है | नय इन तरीकों से परयली जलयने वयलो के
आंकड़े कम हो रहे है और नय कहीं हवय प्रदूर्षण कम हो रहय है |
हमयरी संसद में जब श्दल्ली के प्रदूर्षण पर बहस होती है तब कुछ सयंसदों की
तरफ से अनसुलझे सुझयव भी आते है की परयली के सभयंलने को मंनरेगय में
शयश्मल करनय चयश्हए | तयश्क रोज़गयर के सयथ-सयथ परयली कय भी ठीक से
हल हो सकेगय | परयली कय प्रयोग थमाल पंलयंट और श्वधुत ऊजया पैदय करने में
श्कयय जय सके | इन सही सुझयवों के बयवजूद कोई भी ज्ययदय कयरगर सयश्बत नहीं हुआ | श्कसयनों के द्वयरय डीज़ल पर सश्ब्सडी करने की मयंग भी कई बयर की जय चुकी है, तयश्क छोटे श्कसयनों की कुछ मदद हो सके, पर इस योजनय को कभी भी अम्ल में नहीं लययय गयय |और आज तक कुछ भी ईच्छयजनक नतीजे देखने को नहीं श्मले है |
परयली को कौन और क्यों जलय रहय है, इससे ज्ययदय मंहत्वपुणा बयत यह है श्क इसकय नुकसयन सभी को हो रहय है | सुप्रीम कोटा ने स्वच्छ हवय लेने की
अश्धकयर को मौश्लक अश्धकयरों के सयमयन दजया श्दयय है क्योंश्क अंनुछेद 21 में जीवन के अश्धकयर में सयफ हवय में सयाँस लेने कय अश्धकयर भी सश्म्मश्लत है
| इसके अनुसयर श्कसी भी व्यश्ि को हवय प्रदूश्र्षत करने कय अश्धकयर नहीं है | वययु प्रदूश्र्षत करनय हमयरे मौश्लक अश्धकयरों कय उलघंन है | हमयरे स्वयस््य पर बुरय असर पड़ने के कयरण यह सरकयर की श्जम्मेंवयरी बनती है श्क वो हमे शुि
वयतयवरण मुहैयय करययें |
दीवयली पर पटयके चलयने पर सुप्रीम कोटा की पयबंदी सुप्रीम कोटा ने व्यश्ि के
जीवन के अश्धकयर को सुरश्क्षत करने के श्लए ही यह पयबंदी लगयई थी | क्योंश्क पटयको के प्रयोग से प्रदूर्षण कय स्तर कयफी बढ़ जयतय है | श्लंहयजय यह मद्देनज़र रखते हुए श्दल्ली एनसीआर में और सभी रयज्यों में एक श्नश्ित समय के बयद पटयको के प्रयोग पर पूणा पयबंदी लगय दी | अगर कोई कोटा के आदेश कय उलघंन करतय पययय गयय तो तीन वर्षा की सजय के सयथ जुमयाने कय भी
प्रयवधयन थय | इसके सयथ ही कोटा के आदेश पर रयज्यों में प्रंदुर्षण रोकने के
श्लए पययावरण संरक्षण अश्धश्नयम और वययु प्रदूर्षण श्नयंत्रण अश्धश्नयम लयगू
श्कये गए, व रयज्य श्नयंत्रण बोडा और रयष्रीय हंररत न्ययययश्धकरण कय गठन भी
श्कयय गयय | तयश्क सभी जगह कोटा के आदेश कय गंभीरतय से अंनूपयलन हो
सके |
सुप्रीम कोटा के इस आदेश के बयवजूद श्दल्ली में हवय की गुणविय में कोई सुधयर नहीं देखय गयय | पर मुश्ककल तो यह है की कोटा कय आदेश भी भयरत के
बहुत से क्षेत्रों में लयगू भी नहीं हुआ | कोटा के आदेश और कयनून दोनों प्रंदुर्षण को रोकने में नयकयम सयश्बत हो रहे है | सवोच्च कोटा ने श्दल्ली एनसीआर में
हवय प्रंदुर्षण कय सूचकयंक कम नय होने के कयरण प्रयश्धकयररयों को फटकयर भी
लगयई | शीर्षा कोटा ने कहय की दूश्र्षत हवय के कयरण लोग अपनी श्ज़ंदगी को
खत्म होते देख रहे है और सरकयर हर बयर की तरह नयकयम सयश्बत हो रही है | स्टेट ऑफ ग्लोबल एयर ररपोटा 2019 के अनुसयर भयरत में वययु प्रदूर्षण के
कयरण लगभग 12 लयख लोगों की मौत हो गयी और अगर हम दूसरी