साववरिक गु ्वाक्वण
रीक ्य तत्ी एरर्ट रकस -२५० ईसा पूवव
ममर क एक रमसध वञातनक टॉलमी -१५० ईसा व्व
प लंड क ्य तत्ववद तनक लस क परतनकस -१५४० ईसा व्व महान वञातनक गलीमलय गमलली (१५६४-१६४२)
य हननीज क्लर (१५७१-१६३०) टाइक राह(१५४६-१६०१)
सर आइजक ्यूटन (१६४२-१७२७)
कालानुरम
शपथ
“मं गलीमलय गमलली ्वगीय ्वसाजजओ गमलली का पुि
्ल रंस तनवासी उर ७० साल, कचहरी मं हाजजर ह कर अपन अस्य मसधांत का ्याग करता हूँ कक सूयव ्वयं
ज्थर रहत हुए रमहांड की गतत्वधि का कंर ह |मं कसम खाकर कहता हूँ कक इस मसधा्त क अब मं कभी नही
मानूँगा इसका समथवन रततपादन भी अब मं ककसी प स नही क ँ गा”
म त क डर स इस महान वञातनक क अपन रषणं ्वारा
रमाणणत मसधा्त स मुकरना पड़ा|
क्लर क तनयम
•
कषाओं का तनयम
क्लर क तनयम
षिफलं का तनयम
रहं की षिीय चाल तनयत
बदलती रखीय चाल
क णीय संवग क संरषण
क्लर क तनयम
आवतवकालं का तनयम
रह के परिरमण काल का व्ग उस रह ्वािा
अनुिेखित अ्ग दी्गवृ्त अष के ्न के समानुपाती
्यूटन का साववरिक गु ्वाक्वण का तनयम
G एक तनयतांक ह जजसका मान पूर र्मा्ड मं
तनयत
गु ्वाक्वण बल ्पंड क बीच मा्यम पर तनभवर नही
गु ्वीय षि की तीरता या गु ्वीय
्वरण ‘g’
पृ्वी की सतह स ऊपर जान पर
पृ्वी की सतह पर
आकार क कारण
घूणवन क कारण
गु ्वीय षि की तीरता या गु ्वीय
्वरण (g)
पृ्वी की सतह स नीच जान पर
Re
Re-h P
गु ्वीय षि की तीरता या गु ्वीय
्वरण (g)
h=0 r
्ुु्वीय षेर की
तीरता
(g)
h=Re
पृ्वी की सतह
से नीचे पृ्वी की सतह
से बाहि
गु ्वीय ्वभव
गु ्वीय ्वभव (V गु ्वीय ) =
गु ्वीय ज्थततज ऊजाव
•गु ्वीय बल एक संरषी बल
•अतः इस बल स उ्प्न ज्थततज ऊजाव का पररकलन संभव
•ककसी रबंदु पर ्पंड की ज्थततज ऊजाव ञात करन क मलए स्दभव रबंदु अनंत पर
•ऋणा्मक धच्ह, कायव रा्त ह न क मलए
•गु ्वीय ज्थततज ऊजाव का रचमलत सूि mgh, द ज्थततयं
(जजनक बीच दूरी h ह) की गु ्वीय ज्थततज ऊजावओं का अंतर
पलायन चाल
•
पलायन चाल का मान पलायन किने वाली व्तु के
र्यमान पि नन्गि नही
भू - उपरह
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क्लर क तनयमं पर आिाररत गतत F
(अमभकंर )= F
(गु ्वाक्वण )•
भू - ्थततक या तु्यकाली उपरह
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आवतवकाल = २३ घंट ५६ ममनट ४ सकंड
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रुवीय उपरह
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