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View of इंदौर को स्वच्छता में सिरमौर बनाने में महिलाओं की भूमिका

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ACCENT JOURNAL OF ECONOMICS ECOLOGY & ENGINEERING Peer Reviewed and Refereed Journal (International Journal) ISSN-2456-1037

Vol. 05,Special Issue 03, (IC-WESD-2020) March 2020, Available Online: www.ajeee.co.in/index.php/AJEEE

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इंदौर को स्वच्छता में सिरमौर बनाने में महिलाओं की भूसमका

स्वच्छता औय भहहराओं का आऩस भें फहुत गहया संफंध है। हभ घय – घय भें देखते हैं कक घय को साप –सुथया

यखने की जजभेदायी का ननववहन भहहराओं के द्वाया ही ककमा जाता है। मह कोई नई फात नहीं है फजकक अनाहदकार से हभाये देश भें मह ऩयंऩया फनी हुई है। ऩीढी दय ऩीढी इस ऩयंऩया का ननवावह ककमा जा यहा है।

जजस वक्त भहहराओं भें शशऺा का अबावथा, उस वक्त बी भहहराएं स्वच्छता के काभ को अऩनी जजभेदायी भान यही थी। जफ भहहराओं ने शशऺा को अऩनामा औय वे सभाज भें हय ऺेत्र भें ऩुरुषों के साथ फयाफयी ऩय आने के

शरए काभ कयने रगी तफ बी भहहराओं का रुख स्वच्छता की ओय ज्मादा था। भहहरा औय स्वच्छता एक दूसये

की ऩमावम फनी हुई है। देश के अतीत ऩय एक नजय डारी जाए तो मह स्ऩष्ट होता है कक जफ देश आजाद नहीं

हुआ था तफ बी याष्रीम आंदोरन भें स्वच्छता को भहहराओं ने आत्भ सात ककमा था। उस वक्त आंदोरन के

नेतृत्वकताव भहात्भा गांधी के द्वाया अंग्रेजों के साथ संघषव औय देश की आजादी को दूसये ऩामदान ऩय यखा गमा

था। ऩहरे ऩामदान ऩय देश के नागरयकों के स्वाशबभान को जजंदा कयना स्वच्छता को अऩनाना औय खादी को

स्वीकाय कयना यखा गमा था।

देश की आजादी के 70 सार फाद बी हभाया देश सतत ववकास की प्रकिमा भें आगे फढ यहा है। इस सतत ववकास का स्वच्छता के साथ गहया नाता है। जफ तक हभाया ऩरयवेश स्वच्छ नहीं होगा तफ तक हभ ववकास की ककऩना बी नहीं कय सकते हैं। महद मह कहा जाए कक ववकास का आधाय ही स्वच्छता है तो कोई अनतशमोजक्त नहीं होगी। ववकास की तयप तेजी से कदभ फढाते देश भें स्वच्छता को बी उतनी ही तेजी से

वऩछरे 6 वषव के दौयान अऩनाने का शसरशसरा शुरू हुआ है। इसका ऩरयणाभ मह हुआ कक इस सभम देश के साये

शहयों के फीच अऩने शहय को अधधक से अधधक स्वच्छ औय सुंदय फनाने की प्रनतस्ऩधाव चर यही है। बायत सयकाय द्वाया की गई ऩहर स्वच्छता को एक आंदोरन के रूऩ भें ऩरयणी कयने भें सपर होती नजय आ यही

है। इससे मह स्ऩष्ट है कक सतत ववकास का स्वच्छता से गहया नाता है। महद हभें सतत ववकास की याह भें

आगे फढऩा है औय अऩने देश को ववकासशीर देश से ववकशसत देश के रूऩ भें ऩरयवनतवत कयना है तो हभें सफसे

ऩहरे स्वच्छता को एक भजफूत आधाय के रूऩ भें स्थावऩत कयना होगा। इस आधाय के फगैय ववकास को

आमाभ दे ऩाना संबव नहीं है। ऐसे भें स्वच्छता का भहत्व स्ऩष्ट रूऩ से ऩरयरक्षऺत होकय साभने आता है।

सतत ववकास वह ववकास होता है जो कक ननयंतय चरता यहे। ऐसे भें सतत ववकास का स्वच्छता से

ज्मादा अच्छा उदाहयण कुछ औय नहीं हो सकता है। हभ सफ मह अच्छी तयह से जानते हैं कक स्वच्छता 1 हदन ककमा जाने वारा काभ नहीं है फजकक मह हय हदन ककमा जाने वारा काभ है। जजस काभ को हय हदन कयना है

उसभें ननयंतयता फनाए यखना जरूयी होता है। महद ककसी शहय एव गांव, गरी-भोहकरे भें एक हदन सपाई कय दी

जाए औय उसके फाद उसे छोड़ हदमा जाए तो वह सपाई ज्मादा वक्त तक कामभ नहीं यह सकती है। ऐसे भें

मह आवश्मक है कक एक ननजश्चत अवधध के दौयान ऐसे हय स्थान ऩय हय हदन सपाई का कामव ककमा जाए।

सतत ववकास के शरए स्वच्छता एक भहत्वऩूणव ऩैभाना फनकय साभने आता है।

स्वच्छता सतत ववकास का प्रवेश द्वाय है। जफ हभ स्वच्छता को अऩना रेते हैं तो कपय उसके साथ ही ववकास के दयवाजे अऩने आऩ खुरने शुरू हो जाते हैं। उसके फाद ननपनागरयकों, सयकाय मा स्थानीम प्रशासन के द्वाया ववकास को नए आमाभ तक ऩहुंचामा जा सकता है। इंदौय इसका जीता जागता प्रभाण है। इंदौय भें

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सफसे ऩहरे स्वच्छता को अऩनामा। इस ऺेत्र भें ऩूये कामव को इंदौय के द्वाया ऩूणव कय शरमा गमा तो कपय ववकास की हदशा भें इंदौय के कदभ तेज गनत के साथ आगे फढऩे रगे। इस जस्थनत से सतत ववकास को सभझा

जा सकता है।

वषव 2015 भें प्रधानभंत्री नयेंद्र भोदी के द्वाया 2 अक्टूफय को गांधी जमंती के अवसय ऩय मह अऩीर की

गई कक देश के सबी याजनेता अधधकायी सड़क ऩय ननकरे औय सपाई कयें। इसके साथ ही उन्होंने स्वच्छता को

सफसे ज्मादा प्राथशभकता देने का एरान ककमा। मह कोई ऩहरा भौका नहीं था जफ स्वच्छता को शभशन के रूऩ भें शरमा गमा हो। प्रधानभंत्री नयेंद्र भोदी के ऩूवव देश की आजादी के वक्त से ही स्वतंत्रता आंदोरन के

नेतृत्वकताव याष्रनामक भहात्भा गांधी ने बी स्वच्छता के शरए सभग्र ऩहर की थी। गांधी द्वाया शुरू की गई उसी ऩहर को भोदी के द्वाया अऩने कामवकार के दौयान आगे फढामा गमा।

महीं से देश भें स्वच्छता शभशन की शुरुआत हुई मह स्वच्छता शभशन सतत ववकास का हहस्सा फन गमा। जजस तयह के ववकास भें ननयंतयता आवश्मक है। उसी तयह से स्वच्छता फनाए यखने के शरए बी

ननयंतयता आवश्मक है। केंद्र सयकाय के द्वाया इस हदशा भें की गई ऩहर को देश के नागरयकों याज्मों भें भौजूद सयकायों औय स्थानीम ननकामों के द्वाया हाथों हाथ शरमा गमा। इसके साथ ही ऩूये देश भें स्वच्छता की िांनत आती हुई नजय आने रगी। मह स्वच्छता सतत ववकास का हहस्सा फन गई। इस स्वच्छता के शभशन के कायण सतत ववकास की याह देश भें खुर गई।

ऐसी जस्थनत भें इंदौय नगय ननगभ के द्वाया स्वच्छता के अशबमान को कायगय स्वरूऩ भें रे जाने का

पैसरा शरमा गमा। इसके शरए सफसे ऩहरे नगय ननगभ के द्वाया मह धचन्ह अंकन ककमा गमा। जजसभे सभूचे

शहय को स्वच्छ कयने भें कहां क्मा हदक्कत है ऐसी सायी हदक्कतों को सूची फद्ध कयने के फाद उनके सभाधान की याह को खोजा गमा जफ नगय ननगभ सभाधान के यास्ते ननकार यहा था। तफ कोई एक का एक ननगभ को

सपरता नहीं शभर गई, फजकक ननगभ को अऩनी मोजना भें अनुबव के आधाय ऩय फदराव कयना ऩड़ा। जजसके

चरते हुए धीये-धीये इंदौय स्वच्छता के ऺेत्र भें सपरता की याह ऩय तेजी से चरता हुआ नजय आने रगा। नगय ननगभ की ओय से हय सभस्मा को चुनने औय उसका सभाधान कयने के शरए ऩूयी मोजना तैमाय की गई।

सतत ववकास भें स्वच्छता का भहत्व सभझते हुए इस ऩय गहयामी से काभ कयने की हदशा भें कदभ उठाने वारी एक भहहरा ही थी। वैसे तो वह एक याजनीनतक शससमत है रेककन भहहरा सशजक्तकयण की

शभसार बी। मह भहहरा है इंदौय की भहाऩौय यही भाशरनी गौड़ जजनके नेतृत्व भें ही इंदौय स्वच्छता भें देश का

शसय भौय फना। मह उनका ही भागवदशवन था कक इंदौय के सयकायी अधधकायी अऩनी जजभेदायी का ननवावहन ऩूयी

रगन से कय ऩामे औय इंदौय को स्वच्छता भें ऩहरे नंफय ऩय राकय खडा कय हदमा। इंदौय नगय ननगभ की

नेतृत्व कयता तत्कारीन भहाऩौय भाशरनी गौड़ ने मह अच्छी तयह से सभझ गमा था कक महद स्वच्छता के ऺेत्र भें दौय को एक अरग ऩहचान हदराना है तो मह आवश्मक है कक भहहराओं को स्वच्छता के काभ की कभान सौंऩ दी जाए। अऩने इसी ववचाय को उनके द्वाया नगय ननगभ की कामव ऩद्धनत भें शाशभर ककमा गमा। ननगभ ने

घोवषत तौय ऩय तो भहहराओं को कभानसौंऩने का कोई ऐरान नहीं ककमा रेककन सपाई कभी के रूऩ भें अधधक से अधधक भहहराओं को काभ ऩय यखा जाने रगा।

सयकाय के द्वाया नई बनतवमों ऩय प्रनतफंध रगा होने के कायण दैननक वेतनबोगी कभवचायी के रूऩ भें

इन भहहराओं कोकाभ ऩय शरमा गमा कोशशश की गई ऐसी भहहराओं को काभ ऩय शरमा जाए जो कक अऩने

काभ के प्रनत वचन फद्ध यहे। उनका काभ के प्रनत सभऩवण यहे। उस सभम इंदौय नगय ननगभ के आमुक्त के रूऩ

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भें कामव कय यहे भनीष शसंह के द्वाया भहाऩौय के इस ववचाय को भान शरमा गमा। उन्होंने तेज गनत के साथ अधधक से अधधक भहहराओं को सपाई कभी के रूऩ भें ननमुक्त कयने का यास्ता खोर हदमा।

मह यास्ता खुरने के साथ ही नगय ननगभ भें नई सपाईकभी भहहराओं की बीड़ ही रग गई। इन भहहराओं ने अऩनी ननमुजक्त के फाद ननमुजक्त के भकसद को ऩूया कयने की तयप तेज गनत से काभ कयना शुरू

ककमा। इन भहहराओं का काभ के प्रनत सभऩवण ककतना ज्मादा था। इसका अंदाजा तो इसी फात से रगामा जा

सकता है कक जफ यात के 2 फजे बी नगय ननगभ के आमुक्त दौया कयने ननकरते तो वे मह ऩाते थे कक शाभ को जजन भहहराओं को जजस ऺेत्र भें सपाई कयने की जजभेदायी दी गई थी वह ऺेत्र ऩूयी तयह से साप था। उस सभम नगय ननगभ के द्वाया सुफह की सपाई को 4 फजे से शुरू कयने का पैसरा शरमा गमा था। इस पैसरे के

भान से काभ कयने के शरए सपाईकभी भहहराएं अऩने घयोंसे यात के 3 फजे ननकर जाती थी औय 4 फजे वे

अऩने कामव स्थर ऩय ऩहुंच कय काभ कयना शुरू कय देती थी। नगय ननगभ के अधधकारयमों द्वाया आकजस्भक रूऩ से ककए जाने वारे दौये भें मह जस्थनत रगाताय स्ऩष्ट रूऩ से उबय कय साभने आती यही। इससे सपाई के

कामव की कभान भहहराओं के हाथों भें सौंऩने का नगय ननगभ का पैसरा हकीकत की धयातर ऩय सही साबफत होने रगा।

इंदौय नगय ननगभ के द्वाया शरए गए इस पैसरे का ऩरयणाभ बी अच्छा ननकर कय साभने आमा।

नगय ननगभ ने जफ स्वच्छता के काभ की कभान भहहराओं के हाथों भें सौंऩी तो उसका ऩरयणाभ मह हुआ कक इंदौय जो कक केंद्र सयकाय द्वाया घोवषत रूऩ से ऩहरी फाय स्वच्छता सवेऺण कयाने के 1 वषव ऩूवव तक देश के

स्वच्छ शहयों की सूची भें 29 वे स्थान ऩय था। वह एक सार भें ही फड़ी छरांग रगाते हुए ऩहरे स्थान ऩय ऩहुंच गमा। इसके फाद तो कपय इंदौय ने ऩरटकय ही नहीं देखा। भहहरा सपाई कशभवमों के द्वाया त्माग औय सभऩवण के साथ अऩने कतवव्म को अंजाभ हदए जाने का मह ऩरयणाभ हुआ कक एक के फाद एक हय सार इंदौय नंफय वन फना यहा। इंदौय के द्वाया स्वच्छता को अऩनी जीवनशैरी का एक हहस्सा फना शरमा गमा।

इंदौय शहय के नागरयकों ने अऩने व्मवहाय भें ऩरयवतवन रामा चाहे जहां कचया पेंकदेने की अऩनी आदत को फदरा। शहय के नागरयकों का स्वच्छता के प्रनत रगाव ककतना ज्मादा फढ गमा इसका अंदाजा तो तबी हो

जाता है। जफ इंदौय को नंफय एक का भुकाभ शभरने के फाद शहय के नागरयक अरग. अरग स्थानों ऩय सपाई कशभवमों का सभान कयते हुए नजय आते हैं। भहहराएं अऩने काभ के प्रनत ककतनी ज्मादा कशभटेड होती हैं उसका

अंदाजा इंदौय की इस सपरता से रगामा जा सकता है।

इस तयह हभ इंदौय को स्वच्छता के ऺेत्र भें शभरी सायी सपरता का श्रेम भहहराओं उनके सभऩवण औय उनके द्वाया काभ के प्रनत यखी गई प्रनतफद्धता को देते हैं। इन भहहराओं के द्वाया महद इतने सभऩवण के साथ इतना फेहतय कामव नहीं ककमा गमा होता तो स्वच्छता के ऺेत्र भें आज इंदौय उड़े देश का भॉडर नहीं फन ऩाता।

अफ तो इन भहहराओं के द्वाया ककए गए जागयण का मह ऩरयणाभ है कक इंदौय स्वच्छता से बी फहुत आगे

ननकर यहा है। ककसी सभम ऩूये देश केसाथ इंदौय भें बी कूड़े .कचये को देखकय एक स्थान ऩय इक_ााकय हदमा

जाता था। ऐसे कचये से इंदौय केरेधचंगग्राउंड भें कचये के ऩहाड़ फने हुए थे। अफ इंदौय के द्वाया इस कचये का

बी उऩमोग ककमा जा यहा है। कचये भें से अरग अरग चटनी का कुछ कचये से खाद फनाई जा यही है। तो कुछ कचये से बफजरी फनाने का काभ शुरू कयने की कोशशश हो यही है। इसके साथ ही इस कचये का उऩमोग रैंडकपशरंग भें बी जभ कय ककमा जा यहा है। भहहराओं के द्वाया कचये से इंदौय भें कभाई कयने का एक नमा

यास्ता बी ननकर गमा।

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