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हंसा और सामािजक याय के मु दे अनुसंधान सं ेप के साथ नी त या वयन

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Academic year: 2023

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(3)

शहर , ामीण वासी और शहर गर ब : हंसा और सामािजक याय के मु दे

अनुसंधान सं ेप के साथ

नी त या वयन

(4)

का शत वारा: महा नबनकलक ा रसच ुप जी.सी-४५ , से टर -III, पहल मंिज़ल

सा टलेक सट कोलकाता -७००१०६

मु त: ा फकइमेज

यूमाकट, यूकॉ ले स, वे ट लॉक

वतीयतल, कमरानंबर११५ , कोलकाता -८७

यह काशन 'शहर, ामीण वा सय औरशहर गर ब' प रयोजनाकाएक ह साहै।हमसभीशोधकताओं, चचाकताओंऔरअ यलोग कोइसप रयोजनामशा मलहोनेऔरप रयोजनासेसंबं धतकाय म मध यवाद देतेह।हमउनकेसमथनके लएएम.सी.आर.जीट मकाभीध यवादकरतेह।फोडफाउंडेशनकासमथन कृत तापूवक वीकारकरतेहै।

(5)

शहर , ामीण वासी और शहर गर ब : हंसा और सामािजक याय के मु दे

अनुसंधान सं ेप के साथ

नी त या वयन

(6)
(7)

वषय - सूची

तावना ……… 1-4

भाग एक : अनुसंधान सं ेप

धारा 1 : कलक ा ……….. 7-25

1. शहर म शरण लेना : पो ट - भाग कलक ा म वा सत जनसं या और शहर बंधन कौ तुभ मनी सेनगु ता

2. समकाल न कोलकाता म शहर नयोजन , सेटलमट ैि टस , और याय के मु दे

ईमन कुमार म ा

3. वासी मक और समकाल न कोलकाता म अनौपचा रकता

ईमन कुमार म ा

4. कलक ा म म हलाओं और वासी ब च का अ ययन देबारती बागची और सा बर अहमद

5. समकाल न कोलकाता म देखभाल अथ यव था और म हलाओं का वासन माधुर लता बासु

धारा 2 : द ल ……….28-38

1. राजधानी शहर : कानून और नी त क ामक वसंग त

अ मत काश

(8)

2. सा ा य का टेरा फमा : वासी म का भू म , अ ध हण और बनाना

म थलेश कुमार

3. द ल के ' स वस ' गांव म काम करने और वासी मक के जीवन के ' णक ' प

इ शता दे

धारा 3 : मुंबई ………. 41- 54

1. मुंबई म बेघर वा सय : शहर जगह म जीवन और म मनीष झा और पु प

2. समकाल न मु बई म एक सम या च ा के प म वासी के उदय : हंसा का इ तहास और याय के मु दे

सम ीत संह

3. खतरनाक कामकाज : मुंबई शहर म अनौपचा रक अथ यव था म मौत और वृ धाव था

मौले ी यास

4. वा सय , सतकता और हंसा : मुंबई म सुर ा गाड का एक अ ययन ऋत भरा हे बार और महुआ बं योपा याय

धारा 4 : सल गुड़ी और बहार का कोसी े ………57-64

1. उ र बंगाल म एक ांिजट टाउन : वै वीकरण के समय म सल गुड़ी

समीर कुमार दास

2. ​ ​ कोसी से द ल : वा सय के जीवन और म

पु प और मनीष झा

(9)

तावना

पछलेदोवष म, कलक ा रसच ुप (सी.आर.जी) शहर गर ब क, शहर करणक उपि थ तक ग तशीलता

औरसामािजक यायकेसंबं धतमु द और हंसासेसंर णके पम ामीण वा सय क शत परशोधकर रह है।प रयोजनाकाशीषकह 'शहर, ामीण वा सय औरशहर गर ब: हंसाऔरसामािजक यायकेमु दे

ह' मु यतः, यहअ ययन द ल, कोलकाताऔरमुंबई, सल गुड़ीमएकछोटेसेशहरम वासकेअनुभव पर आधा रतहै।पि चमबंगालऔर बहारकेकोसी े , भारतीयमहानगर म वासकेसबसेउ धृत ोत मसे

एकहै।यहशोधसं तइनअ ययन केएकि नपेट य दानकरताहैिजसमभारतीयशहर म मक वासकेसंबंधम व भ नशहर नी तय औरनी तय पर वशेष यान दयागयाहै।

सं ेपमचारवग म वभािजत कयागयाहै: पहलेतीन मशःकोलकाता, द ल औरमुंबईपरलघु नबंध शा मलहदूसर तरफ, चौथेभागम वासनक सीमाओंके नमाणपरदो नबंधशा मलह गे, अथात ्छोटेशहर और वासीमजदूर काएकबाढ़ त ोत।बड़ेशहर पर नबंधशहर नी त, शासन, मके प, वासन, शहर

कराया, औरनवउदारवादकेबीचअंतर- लंकपर यानदगे, य कभारतमशहर करणक राजनी तक वचारधाराहै। न कषणऔरसंचयक सीमाओंके ववरणकेसाथचौथेखंडम, था नकऔरगैर- था नक वचार (वभाजनऔरबाढ़जैसीराजनी तकऔरपयावरणीयआपदाओंस हत) क ग तशीलताकापतालगाया

जाएगा कदोन सू और वासन थल कोबनानेऔरबनानेममदद मलतीहै।

प रयोजनाक अवधारणाऔरबादमअनुसंधानसं तजानकार केअनुसार, भारतक कहानीसीमलेस हाइपर-शहर करणमसेएकनह ंहै, हालां कसंसाधन केसंदभमशहर करणका भावऔररोजगारकेअवसर मजानकारवृ ध (वशेष पसेअसंग ठत े ) आ धका रकआंकड़ेबतातेहक तुलनामकह ं यादाहै।शहर क दोछ वय केबीचआ थक वकासकेइंजनके पमऔरइसके नवा सय केबीचबातचीतके लएएक अपया तनाग रक थानकेबीचएकगहरेबैठा वरोधाभासभीहै।आजकल वरोधाभासबहुतअ धकहै य क 1990 केदशकमनव-उदारसुधार केफैलनेकेबादभारतीयशहर को नरंतर वखंडनऔरस यताके पम

दखनाशु होगयाहै।

इस कारकेशोधसं त पसेपेशकरनेका तावहैतीनउ दे य: पहलामु दायहहै क वासीको

नव-उदारवाद समयमशहरकेक मबैठताहै; एकअनं तमसै धां तक परेखाकासुझावदेनेके लएदूसरा, जो क वासीमजदूरकेआंकड़ेकोशहरकेप रवतनकेएकमह वपूण ह सेके पमएक करायेकेआउटलेट मसमायोिजतकरसकतेह, साथह साथ न कषणक जगहभी।तीसरेउ दे यपरजोरदेनाहै कहमएक मह वपूणमु देपर या वचारकरतेह - समकाल नसमयमशहर वकासपरआ धका रकऔरअ यदोन वचन म वासीक अ यता।जैसा कएकनो टसहोताहै, अ धकांश नबंध नेकड़वास चाईकोउजागर कयाहै क वासीक आकृ त, शहर कायबलमउनक भागीदार, उनकेबि तय, जीवनऔरकामक ि थ त आ दसरकार वाराक गई व भ ननी तय म प ट पसेउपे तह। पछलेकुछवष।इतनाह नह ं, शहरके

एक व छ, समृ ध, सौहादपूण ि टबनाएरखनेके लएइनमु द कोदूरकरनेकाएकसतत यास कयागया

है।एकयहतकदेसकताहै कयहरवैया मऔरशहर अंत र केबीचके र तेकोदशाताहै, नव-उदारशहर केउ भवममौ लकसम या तहै।यहआधु नकशहरक आबाद कोऔ यो गकउ पादनक एकसाइटके

पम ानआधा रतअथ यव थाकेएक थलके पमदशाताहै, जोमानव-पूंजीके थानीयकृतसां ताके

अलावा ान-आधा रतसमथनके लएजगह-आधा रतसेवाओंकाएकज टल थानहै।अथ यव था।

शहर करणके स धांतकार (हेनर ले वेरे, डे वडहावऔरसि कयासासेन, सबसे भावशाल नामरखनेके

लए) मु य पसेअंत र नमाणऔरवा तु श प नयोजनके व भ नतर क पर यानक तकरतेहजो

रा यक नी तय औरशहर करणकेकाय म क वशेषताऔरसमथनकरतेह, शायदह इन था नक काय

(10)

काउ पादनप दूसर तरफ, नएऔरउभरते मक (इस े मनवीनतमह त ेपमसेएकके पमक याण सा यालकेपुन नमाणपूंजीवाद वकास) परअ ययनअ सरइनजगह के काय को भा वतकरतेहऔर औपचा रकऔरअनौपचा रकअथ यव थाओंके वआधार मपकड़ेजातेह , पूंजीकेबाहरएक 'शु ध' क क पनाक ओरअ सरहैयहांतक कइनअ ययन कासबसेअ धक जननशहरमप रजन, नी तय के

ह त ेपऔर मकेअनौपचा रकताकेबीचसंबंध कोदेखनेम वफलरहेह। था नकऔर म जननक भौ तकि थ तय कोअ सा रतकरकेऔरबुढ़ापे, कराए, मजदूर के पऔर व श टताजैसे व श टमु द के

साथअपनेकने शनपर काशडालनेसे, इसशोधकेसं तअ ययनमयहपताचलताहै क वासक घटना

इनसाम य केमूल स धांत परआधा रतहैऔरसमकाल नशहर करणकेउदाहरण मएकमौ लक ऑपरे टव स धांतके पमउभरआताहै।जैसा कयहखड़ाहै, मशि तकाआंदोलननव-उदारनी तके

ह त ेप केआंकड़ केसाथअलगावमअ ययननह ं कयाजासकता; और, साथह, अंत र नमाणक त न ध वशीलग तशीलताकोशहर औरअध-शहर बु नयाद ढांचेकेउ पादनऔरसंचलनकेभौ तक

ि थ तय सेजुड़ाहोनाचा हए।

कोलकाताकापहलाखंड (िजसेकलक ाकहाजाताहै) मपांचअ ययनशा मलह।कौ तुभमनीसेनगु ता वारा

पहलाअ ययन, टशभारतके वभाजनकेबादऔर 1947 मभारतक आजाद के ारं भकदौरमकलक ा केशहरके वकासकेपूवपूव पा क तानसेशरणा थय केपुनवासकेइ तहासकोजोड़ताहै।अ ययनकेदौरान, वहसरकारक पुनवासयोजनाओंकामू यांकनकरतीहैिजसतरहसेशरणा थय कोउनक पृ ठभू मऔर

पछल यवसायकेअनुसारवग कृत कयागयाथाऔरइसतरहकेअ यासका याप रणामथा।इमन म ा कादूसराअ ययनशहर करणक घटनाऔरसमकाल नकोलकाताम ामीण-से-शहर उ वासक बातपर क तहैऔरशहर करणके यापकऔर नकटवत वचन म ' वासीमजदूर' क ेणीक जांचकरताहै। म ा दशाताहै क ' वासी' क ेणीमशहर नयोजनऔरनी तबनानेके तरपर व भ न वचार- वमशकेमा यम से, वशेष पसे पछलेकुछदशक मबि तयां (झु गीबि तय) केसंबंधमकानून औरनी तय केसंदभम उ पादन कयाजाताहै।।तीसरेअ ययन - फरसे म ा - कलक बंधनके े म मक केजीवनकापता

लगानेऔरकोलकाताके नमाणउ योगका यासकरताहै।नव-उदारवादऔरबड़ेपैमानेपरशहर करणके

संयोजनकेदौरानअपनेअ ययनकापतालगातेहुए, म ायहदशाताहै कइनदोन े मकायकताजगहके

करायेक अथ यव थाकेउ पादनमयोगदानकरतेह।देबारतीबागचीऔरसा बरअहमदकेचौथेअ ययन मशःदो वासीसमुदाय को यानमरखतेह - कोलकातामम हलाओंकेकचरालेनेवाल औररेलवे

लेटफाम पररहनेवाले वासीब च का यान।दोन अ ययन, हालां क व भ ननृवंश व ान थल पर आधा रतहऔरअ ययनके व भ न वषय से नपटनेसेशहर नी तय केसंदभमआवासया नपटानके

सवालपर यानक त कयागयाहै।हालां क, बगचीबतातीह ककचराउठालेनेक जड़वाले न कोआवास क था नकताकेसाथसंयोजनके पमदेखाजानाचा हए, जोअ सरहमार समझसेपहलेक समझम शा मलहै ककचराबीमा रय को वा सय के लएहोनाचा हए य कवेशहरक औपचा रक यव थाम शा मलनह ंह, अहमदअ ययनसेपताचलताहै करेलगाड़ीब च क 'बचपन' कोकॉ मे टकनी तक

सफा रश सेनह ंबदलाजासकताहै, बि कउनक ज रत कोपूराकरनेऔरबाक सभीसमाज सेउ हजोड़ने

काएक नरंतरतर काशु कर दयाजासकताहै।माधुर लता बासु वाराइसखंडमपांचवांअ ययन

समकाल नपूंजीवादकेतहत मकेएक गनेदारडोमेनक जांचकरताहै, अथात, देखभाल, कोलकातामअयाह औरनस पर यानक त कयाजाताहै - उनक नौकर क कृ तऔरग तशीलताकेपैटन - े केआधारपर - कोलकातामऔरआसपासि थ तयांउनकेशोधकेअनुसार, वासीनसकोलकाताकोदूसरे 'अ धक वक सत'

े औरशहर औरअयाके लएएकपारगमन बंदुके पमदेखतेहजोपि चमबंगालकेअ यिजल से वास करतेह। द ल केदूसरेखंडमतीनअ ययनहअ मत काशकापहलाअ ययन द ल क रा यराजधानी

े (एनसीट) केशासनके लएमौजूदानी तऔरकानूनीढांचेकेपीछेवैचा रकप रसरक जांचकरताहै।शहर नयोजनऔर वकासके वघटनकार आ धप य, जो क द ल के शासनकेढांचेकोबताताहै, वहतकनीक, नौकरशाह नयं ण, क करणऔर व व तर यसुंदरशहरक बुजुआक आकां ाओंसे े रतहै।इस

(11)

वचारधारा मक े मम, सामािजक यायकेमु देगर बऔरहा शएवालेलोग केअ यहोनेकेएक व श ट यास केकारण पछल सीटलेतेह।इ शताडे वारादूसरेअ ययनमतीनजगह परकईआंतरा यकचरण म अपने े ीयकायकेआधारपर द ल केएकसेवागांवम वा सय केएकमानव व ानका ववरण दान

कयागयाहै: गुड़गांव, नई द ल मगौतमपुरपुनवसनकॉलोनीऔरफर दाबादमएकडेरा।डेकातकहै कइन साइट महोनेवाल कथाओंकोसमझनेमउनक सहायताकरतीहै कम हलाओंकोएकम हलाक गर, घरेलू

कंमगर (घरेलूकायकता) के लएइसकामतलबहैऔरसरकारसे कसीभीसहायताक अनुपि थ तमउनके

जीवनकेजीवनमअ यकामकाजीप रि थ तय केअनुकूलहोनेकाभीमतलबहै।कामक अ धकसुर त

ि थ तयांऔरआजी वकाकेसाधनह म थलेशकुमारकेतीसरेअ ययनमपहले वचारक और श ा वद के

लेखनम 'आ दमसंचय' क अवधारणापरचचाक गईहैऔरभू मअ ध हण, व थापनऔरबसनेऔर मक क पहचानके थानांतरणक हंसक याओंके दलमएकह अवधारणाकेबारेमउनक समझको

तुतकरताहै। द ल केहवाईअ डाशहरकेनजद कऔरआस-पासकायबलक संरचनाम व थापनऔर प रवतनकेबीचसंबंधबनाकर, कुमारबतातेह कहवाईअ डाअथ यव थाके नजीकरणकेशासनकालके

तहत वासी मकसमयक अव धममजदूरबनजातेह।

मुंबईकेतीसरेखंडमचारअ ययनशा मलह।मनीषझाऔरपु प कापहलाअ ययन, मुंबईकेनव-उदारवाद वचार क वैि वक याओंक बड़ी याओंम वा सय केबेघरलोग केअनुभव कापतालगानेके

साथ-साथशहरम वा सय क बेघरताकेअनुभव क जांचकरताहै मकेअनौपचा रकरण, और व थापन औरअपया तपुनवास, िजसकेप रणाम व प कफायतीआवास, सेवाओं, काय थलऔरसामािजकक याणके

लए तबं धतपहुंचहोतीहै।यहबेघर वा सय केरोजमराक मुठभेड़कोउकसाए, अपमानऔरअसुर ाके

अनुभव केमा यमसेसंरचना मक हंसासेउजागरकरताहै: आवासदाव क अवैधता, अनौपचा रकताऔर कायक शु धता, आ य, शोषणऔररा यएज सय वारादमनऔरअ यअ यपरत परअपमानबेघर अनुभवनेसंरचना मकऔर णाल गतउपकरणऔर हंसाकेसंचालनकोदशायाहैऔरयहदशाताहै ककैसे

बेघर वा सय परसंरचना मक हंसाकेइनउदाहरण कोसामा य, ाकृ तकऔरयहांतक कवांछनीयमाना

जाताहै।

सं ीत संहकादूसराअ ययन, आ धका रक वचनऔरआमभाषाममु बईम वा सय के प टआंकड़ेके

नमाणपरक तहै।उनकाअ ययन ' वासी' केसमकाल नमुंबईमएकसम या त यि तके पमउभरने

क ग तकोदेखनेका यासकरताहैिजसमअ भनेता, सेनाओंऔरइसकेपीछेकेकारण काअ ययन कया

जाताहैऔरशहरक आ थकप रवतनक पृ ठभू ममइसक राजनी तकअथ यव थाक खोजक जारह है।

एकस वससटरम व नमाणक मोले ी यासकेतीसरेअ ययननेयहपाया ककैसेमुंबईम वासी- वरोधी

राजनी तकमाहौलएक मतसामािजक-राजनी तकऔरआ थकमाहौलपैदाकररहाहैजहां वासीमजदूर के

नमाणऔरसेवाके ावधान, औरकामकरनेमस महोनेके लएअ नवायहै, शहरमशार रक, सामािजक, राजनी तकऔरसां कृ तक थानपरक जाकररहेह।उनकेअ ययननेइस वरोधाभासकोदोघटनाओंकेबारे

म वासीमजदूर केअ ययनकेमा यमसेसामनेलानेका यास कया - दोअलग-अलग यवसाय म अनौपचा रककायबलमबुजुग केरोजगार, अथातसंर णकायऔरसुर ाउ योग।महुआबांदोपा यायऔर

रत हाराहे बरकाचौथाअ ययनउन वा सय केजीवनक खोजकरताहैजोसुर ागाडयासंर कके पम कामकरतेह, जो कउनके खलाफ हंसाक राजनी तके लएजानाजाताहै।इनपहलुओंकेमा यमसेशहरम सुर ाऔरकामकाजकेअनुभवकोतलाशनेमशोधकताओंने वासीमजदूर क शु धताक रै खकऔर वणना मकसमझसेआगेबढ़नेका यास कयाहै, जोअ सर ' वासी' वगके लए न द ट नधारणऔरसुर ा क सरलसमझ हंसाकेज टलऔर ववादा पदमु देकोशा मलकरताहैजो क वा सय वारा वयंको े रत करताहैऔरतकदेताहै कयहकुछसंरचना मक हंसाकाएकटकराववालापहलूदशाताहैजोसुर ागाडके

रोजमराक िजंदगीकाएक ह साहै।इसपहलूम, शोधकताओंनेबताया कमी डयाम हंसाकेकृ यके भाव कोनाटक य पसेलागूकरनेऔरबढ़ानेके लएमी डयाऔरसंब ध वचन मअ सरनजरडालेजातेह।

(12)

चौथेऔरअं तमखंडमदोअ ययनह, पु प औरमनीषझाकेपहलेअ ययननेउ र बहारकेकोसी े के

बाढ़ भा वतगांव मसामािजक-आ थकऔरराजनी तकढांचेऔरपदानु मकेबारेमबतायाऔर वासके

घटना मकेसाथउनकेसंबंध। वा सय केगंत यपरभी वा सय केजीवनकोदेखतेहुए, यहउठताहैऔर कोसीकेबाढ़केतबाह े से वासनक कृ तकेकुछउ चतसवाल केजवाबदेनेका यासकरताहै, ता का लक चंताओंसे क वास भा वतहोताहै, नभरताका तर मठेकेदारपर ( थानीयतौरपरमेथके

पमजानाजाताहै), वचारजोएक वशेष थानया यवसायक पसंदका नधारणकरतेह, और नणयलेने

क यामजा तऔरअ यसामािजकसंबंध क भू मका।समीरकुमारदासकेदूसरेअ ययननेपि चम बंगालकेउ र ह सेमएकछोटेसेशहर सल गुड़ीकेसं मणकान शा दखायाहै, जो क वा सय के नवास

थानसेशहरतकक पहचानमबदलावकाअ ययनकरकेरा यमदूसरासबसेबड़ाशहरहै।पारगमनम, 'आसपासकेचायबागान औरपड़ोसीइलाक कोउ चउगनेके नमाणके लएग ब लंगकरना, चायमजदूर म बड़ेपैमानेपरअपद थकरना, उ ह ामीण े मआगेबढ़ाना।इसतर केसे, शहर-से- ामीण वासशीलुगुड़ी

केशहर करणक व श ट वशेषताओंमसेएकबनगयाहै, जोनई ेणीके मक कोज मदेतेहजोगेटवाले

प रसर मआतेहऔर नवासकरतेहऔरदेखभालके लएअनौपचा रक मक मांग, घरेलूकाय, इले ॉ नक अप श ट, बजल केकामऔरनलसाजीजैसीसेवाओंआ दस हतअप श ट नपटान।

इनसभीअ ययन नेसमकाल नसमयकेशहर नी तके वचन म वा सय केआंकड़ेक क यताक एक व तृतऔरअ धकसू मसमझकोएकसाथउठाया।वे वा सय क पहचानके नमाणकेआधार- तरक

थाओंकाअ ययनकरनेऔरनगर य हंसासेसंबंध काअ ययनकरनेकाएकनयातर काभीपेशकरतेहजो

शहरम वासी मक केसं या मकमह वयाअ ासं गकतासेपी ड़तनी त नमाताओं वाराअपनीलापरवाह मयोगदानदेताहै।यहांतक कशहर करणपरमौजूदमौजूदासा ह यजनगणनाकेआंकड़ केमै ोवेवल

व लेषणकोशा मलकरकेऔर वासनक बढ़तीया गरतीदरपर ट पणीकरतेहुएइसमु देकाभंडारनह ंले

पाईहै।जैसा कहमनेअपनेशोधकेदौरानदेखाहै, वहांइनआंकड़ औरशहर सं कृ तऔरसुर ाऔर हंसाक थाओंकोबनानेऔरबनानेमएकसंरचना मकसंबंधमौजूदहै।एक थूल ि टकोणकेसाथसम याभी

पहचानऔर हत क बहुलतासेपूछताछकरनेमअ महै, जो क वासीमजदूर क ेणीकेगठनमयोगदान करतीह। हंसाकेदो पयहांकामपरह: एकह चूकक हंसाहैजोसामािजक यायक वा त वकअ नवायता

कोभेदभावकेकृ य कोअनदेखाकरदेताहै; औरदूसर ेणीगत हंसाहैजोशोषणकार और न कषकार तं

क गठजोड़केमा यमसेउ पा दतसम पताकेमौजूदाकथानक कोचुनौतीदेनेपर वफलहै।इस ि टकोणके

साथ वरोधाभासीम, यहशोधसं ेपम व भ नसामािजक, राजनी तकऔरआ थकमाकर जैसे लंग, जा त, वग, उ , मूल थान, भाषाआ दआ दकेमामलेम वासीमजदूर क एकवचनी ेणीको बखरानेक को शश करताहै।शहर करणकेउ पादनऔरसमकाल नभारतम मकेअनौपचा रकताकेबीचसंरचना मकसंबंध।

व भ नमु द औरसंदभ कोकवरकरनेकेबावजूदइसशोधकेअ ययनमएक-दूसरेकेसाथबातचीतकररहे

ह।साथम, हमआशाकरतेह कवे वासनऔरशहर नी तकेबीचकेसंबंध परएक यापक ि टकोणपेश करगेऔरभारतम मऔरशहर करणपरमौजूदानी तय केसाथगंभीर पसेसंल नहोनेके लएआव यक एकअ वतीयअनुसंधानएजडेको च तकरगे।

(13)

अनुसंधान सं ेप

धारा 1: कोलकाता

(14)
(15)

शहर म शरण लेना : पो ट - भाग कलक ा म वा सत जनसं या और शहर बंधन - कौ तुभ मनी सेनगु ता

यहअ ययन टशभारतके वभाजनकेशु आतीदशक मपूवपा क तानसेशरणा थय केपुनवासऔर कलक ाकेशहरके वकासकेदशक केइ तहासकोढंकनेक को शशकरताहै।शरणाथ पूरेपि चमबंगालऔर भारतकेअ य ह स मफैलेहुएह।ले कनएकबड़ाएका ता कोलकाता े मथा, जहांकई 'कॉलो नय' आया।

पूव बंगालकेशु आतीशरणा थय मसेअ धकांशऊपर याम यमजा तसमूहकेथे।वेशहर क क ओरबढ़ रहेथे, खासकरकलक ाके लए।शहरक आबाद मभार वृ धनेशहर बु नयाद ढांचेपरअपनाटोल लया।

1940 केदशकऔर 1950 केदशककेदौरानशहरमती भोजनसंकट, औ यो गकगड़बड़ी, कालेबाजारक ग त व धय औरराजनी तकआंदोलनथे।असंतोषकेइसकड़ाह म, शरणा थय कोबचानापड़ा।

सरकारनेपलायनकेपैमानेपरपहलेसेइनकारकरनेक को शशक, ले कन 1950 तकि थ तक मह ाका

एहसासहुआऔरराहतक अबतकक नी तकोपुनवासके यापककाय मम थानांत रत कयाजानापड़ा।

एकतरफ, यहजनसं याकाभार बोझके पमदेखा, पर तुदूसर तरफ , इसअसु वधाजनकगु छाक नै तक

िज मेदार कोवा तवमनह ं हलासकताथा।यह व था पत यि तके लएराहतऔरपुनवास दानकरने

वालेदो ुव केबीचपकड़ागयाथा- िजसके लएधनऔरजमीनक आव यकताथी- औरइसकेगहन

पांच-वष ययोजनाकेसाथरा य वकासकेकाय मक। 1950 केबादपि चमबंगालमआनेवालेशरणा थय क क ाऔरजा तक रचनाको यानमरखतेहुए, सरकारने यावसा यक श णपरबहुतजोर दया।

श वर- नवा सतशरणा थय, जोसरकार डोलपर नभरथे, इन यावसा यक श णकाय म के मुखल य थे।पुनवासयोजनाकाएकआधार शलाउनके पछले यवसाय केमामलेमशरणाथ आबाद कोवग कृतकरना

था।इस कार, कृ ष वद कोभू ममबसानाथा, य दपि चमबंगालमउपल धनह ंतोअ यरा य मभी।इस फैलावक नी तकोज म दयालोग कोअ यरा य याअंडमान वीपसमूहमभेजागयापि चमबंगालम,

व भ नकृ षकालो नय क थापनाक गईथी।पुनवास रपोटऔर व भ नसरकार प काओंनेइसबातपर जोर दया कशरणा थय कोसमाजम मकयोगदानकताहोनाचा हए।

ले कनसरकारकेये यासपूर शरणाथ आबाद कोसंबो धतनह ंकरसके।शहरम, दो कारकेशरणाथ समूह थे।सबसेपहले, ारं भक वा सय म यादातरम यमवगकेप रवार नेशरणाथ कॉलो नय क थापनाक थी, जब कदूसरेसमूहमद लत केदौरानभागनेवालेद लतलोग क सं याशा मलथीऔर सयालदह टेशन परयाशहरम व भ नबि तय मआ य लयाथा।सरकारके लएइसबादकेसमूहकापुनवासमु य चंता

का वषयथा।उ हशहरकेबाहर व भ न श वर मभेजागया।ले कनबहुतसे नराशहालतकेकारण श वर कोछोड़ दयागयाऔरशहरमवापसअपनारा ता मलगया। वा सय केएकबड़े ह सेनेशहरमछोट नौक रयांल ं।उपल धजनशि तमअचानकवृ धकेसाथ, शहरमप रवारकोबनाएरखनेके लएवा त वक आय ा तकरनापया तनह ंथा।

सरकारक नी तय नेपुनवासऔर वकासकेदोमु द को वलयकेमह वपरजोर दया।यहआव यकथा

य कशरणा थय औररा यकेपूव नवा सय केबीचसंघषज दबाजीथा।शरणा थय केपुनवासका

अ ययनअ सररा यके नवासीआबाद केगर बवगक ि थ तकोउजागरकरनेके लएयाद कयाजाताहै।

य दहमरा यक मुि लमआबाद क ि थ तको यानमरखतेहतोमामलेअ धकज टलहोजातेह।

ामीण-शहर, नवासी-शरणाथ एक करणके लएतक दयाजासकताहैऔरएक यापकयोजनामडाल दया

जासकताहै।ले कनइनतकनीक उपाय नेअ सर कसी यि तक सामािजकपहचानको यानमनह ंरखा

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है।अ सरसंघषशरणाथ और नवा सय केबीचनह ंथा, ले कन हंदूशरणा थय औरमुि लम नवा सय के

बीच।पेपरकेअगलेभागमइससम याकासमाधानहोताहै।यहहम वा सय और नवासीगर ब केबीचके

संबंधक झलक दखाएगा; यह हंसाऔरसामािजक यायके वचार केबीचसंघषकोरोशनकरेगा।

वभाजनकेतकनेभारतममुसलमान क ि थ तबनायी।मुि लमपा क तानजारहेहऔर फरपि चम बंगाललौटरहेहइस े क एकआवत वशेषताबनगईहै।इनवष ममुि लमआबाद औरशरणा थय के

बीचतनावकाफ प टथे। वभाजनऔरशरणा थय क आबाद केसाथ, मुि लमआबाद, वशेष पसेगर ब खंड, जो कउनकेजीवनऔरजी वकाकोबनाएरखनेमबहुतक ठनाईकासामनाकरनापड़ाथा।अ धकांश लोगइसबदलावक ि थ तकोनह ंखपतकरसकतेथे, औरअपनेवंशानुगत यापार मप रवतनऔरउनके

साथजुड़ेि थ तकेसाथउनके यवसायमतेजबदलावआयाथा।कुछलोग ने वयंके लए श ापानेऔर नौकर पानेके लए बंध कएजानेक को शशक।ले कनऐसीि थ तमबचानाआसाननह ंथाऔर 1947 क छायाउनकेजीवनमबड़ीहुईथी।

भू म वधेयक, 1951 केअन धकृत यवसायम यि तय के नवासनक शु आतकेदौरानशरणा थय और मुसलमान केबीचसंघषमभार राहत मल। 1950 मकलक ाकेदंग नेशहरकेसामािजकआकृ त व ानम बड़ेबदलावदेखा।मुि लमआबाद केबड़ेवग कोछोड़ दयागयायाउ हअपनेघरछोड़नापड़ाऔर 'मुि लम'

े मशरणल जा हरातौरपर, नया वधेयकउनजमींदार क संप कोपुन था पतकरनाथािज हअवैध पसे 'शरणा थय' के पमपेशकरनेवाले यि तय परक जाकर लयागयाथा। वधेयककादूसराउ दे य उनशरणा थय कोवैकि पकभू म दानकरनाथािज ह ने र तयाअ तबं धत र त थानकेबड़े ह सेपर क जाकर लयाथा। वधेयककोकभीभीसश तशरणा थय कोउखाड़नेकाइरादानह ंथा; बि कउनबेईमान

यि तय कोबेदखलकरनाथािज ह ने ांतक अराजकि थ तकाफायदाउठायाऔरअवैध पसेखाल भू म याघर परक जाकर लयािजससेमा लक कोउनकेदावेदाव कोनकार दयागया। वधानसभामक यु न ट नेताओंने वधेयकके ावधान मशरणा थय के खलाफसरकारक भयावहयोजनादेखी।उ ह नेजोरदारतक

दया कसरकारकाएकमा उ दे यअसाधारणशरणा थय केखचमबड़ेभू-हतधारक औरपूंजीप तय के

हत कोसुर तकरनाहै।हालां क, समयक राजनी तइस वधेयककेधा मककोणपरवगयु धकाघूंघटनह ं डालसकतीथी।अगर, जैसा कक यु न टमांगरहेथे, कोईवा त वकशरणा थय कोहटायाजानानह ंथा, और जैसा कसरकारकुछमामल मभीइसीबातकोगड़बड़कररह थी, जनसं याकेकुछवग केसाथभेदभाव

कयाजानाथा। वधानसभाकेमुि लमसद य नेसंप , व थापनऔरनाग रकताकेअ धकारकेबारेमनए सवालउठाए। हंदूशरणा थय नेदंग औरउ पीड़नकेभयकेकारणमुि लम वाराबड़ेपैमानेपरजमीनऔर घरछोड़ दए।मुसलमान के वा म ववालेसंप य केमुता बकसंप के वा म ववालेनाग रक का या

होगा, उ ह नेमुि लमसद य सेपूछताछक।मुि लम करायेदार का याहोगा? उनकेपासकोईभू मयाघर नह ंथायेशहरके व भ न ह स मरहनेवालेगर बमुि लमथे।सां दा यकदंग औरबहुसं यकसमुदाय के

सामा यडरानेनेउ हअपनेघर कोबेदख़लकरनेऔरपाकसकस, मे टया ुज़, राजाबाजारजैसेकुछइलाक म पाकयाहो समशरणलेनेके लएमजबूर कया।कलक ाकेबादके वभाजनकोअपनेसामािजकसंरचनाके

संदभमकाफ बदल दयागया।शरणा थय क आड़अ धक दखाईदेरह त वीरहै।हममुसलमान क आबाद केि थरहा शएपर नभररहनाभूलजातेह।

मुि लमआबाद क तरह, इनवष केदौरानशरणाथ प रवार क म हलाओंकोभीबदल हुईि थ तकासामना

करनापड़ा। श वरऔरकॉलोनीजीवनकै दय परकठोरथे।यहपु ष केसाथह म हलाओंको 'बाहरआना' और एकनौकर क तलाशमधकेल दया।कालो नय म, कईम हलाएंनव- था पत थानीयकॉलोनी कूल म

सखाना शु करचुक ह। श कहोनेकेअलावा, म हलाओंने यावसा यककायालय से व भ न कारके

पेशेवर र त थानम वेशकरनाशु कर दयाहै। श वर मम हलाओंके लए, ि थ तअलगथीउ ह श ण ा तकरनेऔर फरनौकर पानेके लएसरकार योजनाओंपर नभरहोनाथा।इसमामलेमएक मह वपूणपहलूयहथा क श वर केकै दय कोवग कृतऔरपुनग ठत कयागयाथा।

(17)

शरणाथ म हलाओंकेवगकेच र नेअपनी श ाऔर श णक मता नधा रतक।साथह, व भ न श णयोजनाओंके तावऔर श ाके वषयमिजन वषय क सूची कटहोतीहै, उ हपताचलताहै क जबभी वभाजनकेदौरानसामािजकऔरआ थकअ यव थाकेकारणम हलाओंकोअिजतकरनेके लए मजबूर कयाजाताथा, तबभीउ ह ' भावी' यौन वभाजनकापालनकरनापड़ासमाजम च लत मक क यहमुि तक कथाकेसश तउ सवकोज टलबनाती हैऔरहमसू मतर केसेदेखनेके लएउकसाताहै

िजसकेमा यमसे मुखसामािजकमानदंड कोजार रखागयाहै।ले कनएकयहजोड़सकताहै कजबउनक उपि थ तशहरकेसावज नकजीवन, कायालय, सड़क पर, भीड़वाल बस और ामम, राजनी तकरै लय म, उनक भागीदार क शत कोभीबदलनाशु होगयाहै।भीड़भरेसड़क परकूचकरनेवालेम यवग यशरणाथ म हलाकाआंकड़ासहानुभू तके वरको श तकरताहै; ले कनशायदयहभीसामािजक यायक

स मानजनकशत कोसु नि चत कया।

वभाजनकेबाद कलक ातेजीसेबदलगया। 1940 केदशककेदौरानकलक ापहलेह यु ध, अकालऔरदंग केसाथक ट दवष सेगुजररहाथा।शहरक आबाद मतेज़ीसेवृ ध हुई ।आजाद के ारं भकवष महैजाके

गंभीरझुकावसे चि नत कयागयाथा।सावज नक वा य णाल मामल क एकदयनीयि थ तमथी।

सयालदह टेशन, जहांशरणा थय ने कसीभीअ य वक पक कमीमआ य लयाथा, को 'पृ वीपरएक वा त वकनरक' के पमव णत कयागयाथा 1943 मअकालका च बार-बारअखबार मलागू कयागया

था।उसि थ तसेबचनेके लएकुछ कयाजानाआव यकथा।शहरमशरणाथ कॉलो नय और श वर केसाथ नईसंरचनाएंआ ।मुसलमान केसाथशहरकेकुछइलाक मधांधल केसाथधा मकघटेबनतेथे।कलक ा

नगमऔरकलक ासुधार टकोइनवष मशहर करणकेकुछ यबहालकरनेमएकक ठनकामथा।

शहरभीगहर राजनी तक तयो गताका थएटरबनगया, िजसमकां ेसऔरवामपंथीदल, वशेष पसे

क यु न ट, जनताके यानऔरसमथनके लएदांवलगानाथा।सा यवा दय नेआंदोलनक एकअलगतरह क राजनी तक शु आतक िजसमरा यकेशहर राजनी तकप रवेशकाआकारथा। व वान वारा

क यु न ट औरशरणाथ आबाद केबीचगहर कड़ीकापतालगायागयाहैआजाद केपहलेदोदशक केदौरान शहरकेआबाद केसामा यआवासऔरघन वकेमु द परचचाकरतेहुएहमपताचलताहै ककलक ाक हालतपरकईलेखन, 1960-60 सेकलक ा सुधार ट [सीआईट] केअ य सैबलकुमारगु तानेबार-बार आवास, म लनबि तय, औरशहरमआबाद क सामा यउ चघन वकेमु द परवार कया।इनसु वधाओंने

शहर बंधन णाल मअ य धकक ठनाईखड़ीक।शहरकेभीतर े मजमीनक कमीने शासक को

पड़ोसीिजल मदेखनेके लएमजबूर कया।क याणीजैसीनईब तीशरणा थय केपुनवासके लएबनाईगई थी। ीनबे टयासैटेलाइटटाउन शपक अवधारणा वतं भारतक नई नयोजन यव थाका ह साथी, चंडीगढ़कामु यउदाहरणहै।पि चमबंगालमइसीतरहकामॉडलक याणीयादुगापुरकेसाथ कयागयाथा।

ले कनउ हदेर और वलंबके व भ नउदाहरण केसाथउनक सम याएंथीं।ले कन वा सय-नकेवलपूव पा क तानसे, बि कअ यपड़ोसीरा य से - शहरमआतेरहेऔरशहर क केकर बरहनेके लएसंभवहो

सके।इसनेशहर बु नयाद ढांचेपरजोर दया।सा हलगु तावा तवमशहरमम लनबि तय केबड़ेपैमानेपर सारकेसाथपरेशानथा।इनझा ड़य मउ चत व छतायापानीक आपू तनह ंथीवेअ सरसावज नक थान औरसड़क परअ त मणकरतेथे करायाऔरप टेक ज टल यव थाकेसाथ, म लनबि तय क वा म वपैटनऔर कराया-अथ यव थाकोन टकरनाअसंभवथा।शहरके मुख े सेइनझोप ड़य को

बदलनेके लएसमय-समयपरनईआवासयोजनाएंतैयारक ग ।ले कनयहएकसद केसमयमपूर तरहसे

करनासंभवनह ंसमझागयाथा।बीसवींसद केउ रा धकेदौरानकलक ामअ धकांश काशननेइसे 'शहर दुघटना' के पमना मत कया।शहरके े मबढ़तीआबाद, सी मतरोजगारकेअवसरऔरउ चघन वने

शहर बंधन णाल परदबावडाला।अ धका रय नेपूरेअव धमहालतमसुधारकरनेके लए व भ नतर क सेको शशक ले कनसम याएंबनीरह।औरइनसंरचना मकक ठनाइय केसाथह, शरणाथ आबाद से

(18)

लगातारदबाव, मुि लम के लएजगह क बढ़तीसं याकेसाथगु तसां दा यकतनावऔरअप-देशवा सय क बढ़तीसं याकेसाथदबावथा।शहरमकानूनऔर यव थाक सम याबढ़।

पुनवासनी तय नेरा क वकास यव थाकेसाथउ हजोड़करआबाद केभार वाहक सम याकोहल करनेक को शशक।फैलावयोजनादो चंताओंकोमजकरनेकाएक यासथी, जहांशरणाथ केपुनवास कसी

वशेषरा यके लए चंताका वषयनह ंथा, बि कपूरेदेश।ले कन व था पतआबाद कापुनवासएक ठंडे

, तकनीक तर केसेनह ं कयाजासकताथा।हालां कसरकारनेशरणा थय के बंधनके लएकईउपाय कए, ले कनिजसतर केसेउ हलागू कयागयाथा, वां छतहोनेके लएबहुत यादाछोड़ागया।पि चमबंगालइस समयकईसंकट सेगुजररहाथा।बड़ेपैमानेपरकालेबाजारक ग त व धय केसाथएकती भोजनसंकटथा,

िजसनेअ सरशहरम हंसकझड़प कोज म दया।जूटउ योगक ि थ तअ सर मकहमल केसाथ तनावपूणथी।कां ेसक अगुवाईवाल सरकारशरणा थय मवामपंथीदल केबढ़ते भावसेबहुत चं ततथी।

चुनाव को यानमरखतेहुएसरकारकोअपनेआधारकोसुर तरखनेक ज रतहैइसकामतलबशरणा थय केसाथ-साथरा यकेपूव नवा सय क देखभालकरनाथा।शरणा थय केसंकटक गंभीरताको वीकारकरने

के लए ारं भकअ न छानेकेवलसम याकोबढ़ा दयाऔरअसंतोषपूणआवाज कोसरकारके खलाफएक साथआनेके लएजगहद।वष से, व भ नस म तय क सफा रश केमा यमसेसरकारसंशो धतनी तय औरयोजनाओंकेसाथआगई।ले कन येकनएचरणकेसाथआगेक चुनौ तय कासामना कयागयाथा।

व तृतसंदभकेसाथपूणप के लएकृपयादेख http://www.mcrg.ac.in/PP72.pdf.

(19)

समकाल न कोलकाता म शहर नयोजन , सेटलमट ैि टस , और याय के मु दे

- ईमन कुमार म ा

यहअ ययनकोलकाताशहरमजीवन, आजी वकाऔरआवास थाओंकेदोपहलुओंकोएकसाथलानेका

यासकरताहै- शहर करणक घटनाऔर ामीण-से-शहर वासकेमामले।इसीसमय, यहइनदोन थाओंके

संयोजनके ण मसामािजक यायकेमु देकोअ भू मकरनेका यासकरताहै, उलझनमजुड़े व भ न नेटवक म च लतनेटवकऔरअलग-अलग ै तजऔरऊ वाधरपदानु मत यव थाओं वारासम थत, इस अ यासकामु यउ दे यशहर करणके यापकऔर नकटवत वचन म ' वासीमजदूर' क ेणीक जांच करनाऔरअनुसंधानक एकयोजनाशु करनेके लएहैजोइस थानकोप रभा षतकरनेऔरि थरबनाने

औरउसके भावकोपतालगानेक राजनी तकापतालगाएगा।शहर गर ब के लएसामािजक यायके े म यायकायह वशेष े तथाक थत 'बाहर लोग' पर हंसाक घटनाओंसेसंबं धतहै, वयंको 'म ट केबेट' वाराशहरमऔरबेहतरजीवनक तलाशमशहरआनेवाले मक क भे यता।औरइनघटनाओंकेचेहरेपर बेहतररोजगारकेअवसर।इसकेअलावा, शार रक हंसाकेउदाहरण केअलावा, अंद नीऔरबाहर लोग के

बीचसां कृ तकऔरसामािजकअलगावकेमु देह, जोलंबेसमयमपहचानकेगठनऔर ामा णकशहर अनुभवके नमाणक राजनी तके पम व भ नपरेशानकरनेवाले न मशा मलह गे। वासऔर शहर करण थाओंकेसंयोजनके ण मभौ तकऔरसामािजक-सां कृ तक हंसाकेइनघटनाओंको

यवि थतकरनेऔर ासं गकबनानेके लएइससंबंधममह वपूणहै।

कोलकाता (पूवम, औरआजभीकुछ वाटर म, कलक ाके पमजानाजाताहै), वा णि यक हत और सां कृ तकआकां ाओंक एका ताकेसंदभमपूव भारतकेसबसेमह वपूणशहर मसेएकहै।कलक ा 1911 तक टशभारतक राजधानीथीऔरराजकेदौरानदेशके व भ न ह स से वासके लएसवा धकमांग वाले थान मसेएकबनगयाथा। वतं ताकेबादभी, यहअ यरा य केलोग कोआक षतकरनेके लए जार रहा - खासकर बहारऔरउ र देशजैसेदेशकेपूव भागम - औरसभीसमुदाय, धम औरभाषासमूह के

सद य के लएआ त यक पेशकशकरतेथे।कोलकाताक इसमहानगर यछ वकोथोड़ी तहुईजबक थत औप नवे शक पसे 'कलक ा' सेक थततौरपरबंगाल भा षक 'कोलकाता' कोशहरकेनामबदलनेके लएमांग बढ़ थी।हालां क, भारतीयअथ यव थाक 'उदार करण' केबाद पछलेदोदशक मइनसंक णभावनाओंऔर शहर नयोजनके ोटोकॉलऔरशहरके था नकपुन नमाणकेबीचसंबंधपरबहुतकुछनह ं लखागयाहै।

इससंबंधमजवाहरलालनेह रा यशहर नवीनीकरण मशनजैसेनवीनतमशहर नवीकरणकाय म का

अनुमानलगानेवाल एकऐ तहा सकनींवहै।

कागजकेपहलेभागम 1960 और 1970 केदशकमकलक ा म वासऔर े ीय थाओंपर कएगएकुछपूव

अ ययन काउ लेखहै, िजसम नमलकुमारबोसकाकलक ा 1964: एसोशलसव (बॉ बे: लालवानी

पि ल शंगहाउस, 1968) शा मलह। 1911 से 1961 तककलक ा नगमकेआकलन रकॉ सकेआधारपर शहरकेज टलभू मउपयोगकेन शेतैयारकरनेकेअलावा, बोसकेअ ययनकाउ दे ययहसमझनाथा क शहरके नवा सय वाराशहर प र यकैसेसाझा कयागया, भाषासमूह और यवसाय काशहरक आबाद कईनगरपा लकावाड मफैल हुईथीऔरबोसकाइरादाकुछसमुदाय - धा मक, जातीय, औरअ यथा - कुछ वशेषवाड क एका ताकामान च णकरनाथा।उनकेअ ययनसे प ट पसेपताचलताहै क 1910 और

1920 केदशकक शु आतम, कलक ाकाशहर थान वशेष े म वत रत कयागयाथाजहांलोग के

व श टसमूहरहतेथेऔरउनक आजी वकाअिजतक थी।भलेह 1960 केदशकमकलक ाके 'सामािजक

(20)

थान' केबोसकेसव णनेमाइ ेशनकेसवालकोसीधेसंबो धतनह ं कया, ले कन 'नॉन-बंगाल' समुदाय के

आवास थाओंकाअ ययनकरनेक आव यकतापरजोर दया- जोउ ड़याबोलनेवालेथेनलसाजी, गैस, और इलेि कलकाय या हंद बोलनेवालेमजदूर, जो बहारऔरउ र देशसे आएथे औरऔ यो गक े म क तथे - शहरम 'बाहर लोग क मान सकताकोसमझनेके लएिज ासाक भावनादेताहै।' अ सरउ ह

हंसाक घटनाओंकेबादउनके थानकोबदलना ै पलोहाऔरमशीनभाग मकामकरनेवाले हंद बोलने

वालेकलवार नेवाड 53 म यापार कया - एकमु य पसेमुि लमइलाके, जैसा कअ ययनमबतायागया - ले कन 1946-47 मदंग केबाद े छोड़नापड़ाऔर 7, 10 वाडमबसगए , 13, आ द।

इसऐ तहा सककथासेएकसुरागलेतेहुए, म ाकेपेपरने पछलेकुछदशक मकोलकाताम नपटानके

तर क सेसंबं धतकुछमु द क खोजक औरयह दखाया क ' वासी' क ेणीमशहर नयोजनके तरपर व भ न वचार- वमशकेमा यमसेऔर कस कारउ पादन कयाजाताहैऔरनी तबनानेकोलकाताम

वासकेबारेमपहलेकेकुछअ ययन मयहदेखागयाहै क पछलेकुछदशक सेमु यशहरका वकासरोक दयागयाहै, य ककलक ामआबाद केकारण पछलेपचासवष म गरावटआईहै।दूसर ओर, गैर-बंगाल आबाद काआकार 1951 म 34.06% सेबढ़कर 1971 म 40.08% रहा।कुलजनसं यामअ यरा य के

वा सय काअनुपात 1951 म 25.24% सेघटकर 17 सेकमहोगया 1971 म%। 2011 क जनगणनाम, कोलकातािजलेक दसवींसालक वकासदर -1.88% दजक गई - भारतमजनगणनाकेइ तहासमसभी

समयका यूनतम - 2001 मजनसं याघन व 24718 तवग कलोमीटर 2011 म 24258 तवग कलोमीटरके लए।यहदेशकेसभी ह स मअ धकसेकम यहै, जहांबड़ेशहर मआबाद बाहरसेआरह है, य कइनशहर मरोजगारकेअवसरपूंजीक गहन ौ यो ग कय केउपयोगकेकारण नराशासेकम

दखतेहऔ यो गक े हालां कनौकर पानेक संभावनाकम दखतीहै, पि चमबंगालकेअ यरा य और अ यिजल केसैकड़ लोगरोज़गारऔरकुछ कारकेआवासक उ मीदकेसाथकोलकाताआतेह।उनमसे

यादातरको व भ ननगरपा लकावाड मम लनबि तय याब ट ज़मरहनेके लएमजबूर कयाजाताहै।

कोलकाताके नवा सय को थलांत रतसमझौतेकेसंभा वत थलके पमचुननेका नणयकोलकाता

महानगर वकास ा धकरण (केएमडीए) वारातैयारशहर नयोजनकेकुछद तावेज मएक दलच प

अ भ व याससे भा वतहोताहै।कोलकाताक म लनबि तय केनमूनेसव ण केआधारपरअपनी व भ न रपोट म, केएमडीएने वासी मक क आवास, उनकेरहनेक ि थ तऔरसामािजकसमायोजन, और

ामीण-शहर संबंध केआवासकेमु द परगंभीरतासे वचार कयाहै, जोउनकेअपने थान परलगातारदौरा

मूल पसे, शहर नयोजनऔर वकासके न के सल सलेम।कलक ाकेशहर प रवार के

'सामािजक-आ थक ोफाइल' के 1996-97 केअ ययनमपहल बार ' वा सय' क एकपूणप रभाषा दानक गईथी।ले कन 1980 केदशककेउ राधकेबादसे यांमारसेसंबं धतमु द औरसम याओंपर वचार-वमश के लएकेएमडीए (पूवसीएमडीए, जबतक कशहरकानामबदलगयानहो) म दखनाशु होगया।ब ट ज़ने

नकेवलशहर गर ब कोशरण दान कया, उ ह नेउ हसमानआधारकेभीतररोजगारकेअवसरभी दान कए।शहर वकासक योजनाएं 'कलक ा 300: फॉरमे ोपो लटनडेवलपमट' कोअ सर वासऔरब ट सुधार केदोन मु द परछुआ, ले कनदोन केबीचकोईआव यकसंबंधनह ंबना।यहकलक ाकेझु गी नवा सय क 'सामािजक-आ थक ोफाइल' का 1989-90 काअ ययनथा, िज ह ने वा सय के पमउ हकाफ सं याम पहचानक थी।नकेवलअ ययननेमाइ ेशनऔरब ट बि तय केबीचएककर बीसंबंधकोपहचान लया, इसनेइनबि तय के नमाणके ाथ मककारणके पम वासनक भीपहचानक। 1980- 99 मकलक ाक झु गीबि तय केसव णम दलच पबातयेथी क: (1) इनबि तय मरहनेवाले वशेषभाषासमूह क

बलताकेअनुसारझुि गय कोवग कृत कयाजासकताहै (औरशहरकोज़ोन कयाजासकताहै) (2) वा सय केअपनेमूलभू मकेदौरेकेमा यमसे था पत ामीण केसंबंध कामु दा।

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